एक लौ उम्मीदों की

एक लौ उम्मीदों की धरती से लेकर आसमां तक उदासियों का मंजर फैला है हर तरफ़ हैं खबरें मौत की हर तरफ़ आंसुओं का रेला है सोचा था संभल जाएंगे हम धीरे-धीरे ज़िन्दगी की उधड़ी तुरपाईयों को जतन से सी लेंगे हम धीरे-धीरे पर इम्तहान की हद अभी बाकी है कुछ कर्ज़ की किश्त अभी…

Read More

फूलों की वर्षा

फूलों की वर्षा सुबह-सुबह प्रधानमंत्री की घोषणा सुनाई दी- “कल हैलीकाप्टर से सिंगापुर का झंडा फहराया जाएगा और नर्सों-डाक्टरों पर फूलों की वर्षा की जाएगी।” घोषणा सुनकर “टियन” तिलमिला उठी…अभी तो उसे देश भर के अस्पतालों और क्मयूनिटी केयर सेंटरस के लिए कितनी सारी चीजों की ज़रूरत है! यह क्या नौटंकी सूझी है सरकार को?…

Read More

धरा की व्यथा

धरा की व्यथा मैं धरा हूँ , यूं तो नाम हैं मेरे कई । भूमि, वसुधा, पृथ्वी, धरणी, हूँ लाड़ली उस रचयिता की । आठ भाइयों में बहन अकेली । बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस, वरुण और प्लूटो, पूरे आठ हैं मेरे भाई । मैं धरा हूँ , यूं तो नाम हैं मेरे कई…

Read More

कोरोना की मार झेलता बचपन

कोरोना की मार झेलता बचपन कोरोना ने पूरी दुनिया को फिर से सहमा दिया है। पिछले साल के कहर को अभी हम भूले नहीं थे। फिर भी इस उम्मीद से बंधे थे कि कुछ दिनों की बात है, फिर सब कुछ सामान्य हो जाएगा। लेकिन अब कोरोना वायरस की दूसरी खतरनाक लहर इस उम्मीद को…

Read More

माँ मेरी अनमोल

माँ मेरी अनमोल माँ तू अनमोल है, जीवनदायिनी है । तूने मुझे अपने प्रेम से, अपने संस्कारों से, अपने ज्ञान से , अपनी ममता से सीचा । धरती पर गर्व से चलना तूने सिखाया, गुरु बनकर पहला ज्ञान तूने दिया । ईश्वर की तरह आखिरी सांसों तक हाथ मेरा थामे रखा, इतनी गहरी तेरी ममता…

Read More

कोरोना और मैं

कोरोना और मैं 12 अप्रैल 2021 को मैं कानपुर से एक मुशायरा कर के वापस आई ।कहीं भी जाने से पहले मैं अपनी माता जी को जरूर बता कर और उनका आशीर्वाद लेकर जाया करती हूँ पर उस दिन मुझे डर था ,कोरोना फैल चुका था और मुझे पक्का पता था कि मेरे मम्मी मुझे…

Read More

कैसे रहा जाएं बी पॉजिटिव

कैसे रहा जाएं बी पॉजिटिव व्यथित मन परमात्मा की क्रूर करनी के आगे लाचार हूं,आहत हूं और उसकी निष्ठुरता से बेहद नाराज भी हूँ कि ऐसा क्यों किया। रोज इतने जनों को एक-एक कर जाते हुए देख कर, सुन कर मन मे न चाहते हुए भी निराशा आ ही जाती थी,पर थोड़ी देर बाद सोचती…

Read More

जीत जाएंगे हम

जीत जाएंगे हम सुबह-सुबह कोयल की मधुर धून सुनकर यूं लगा जैसे कह रही हो थोड़े दिन की ही तो है बात कुछ वक्त बितालो साथ माना हर वक्त है कीमती पर अभी घर पर रहने में ही है सबकी सलामती इन लम्हों को न भूलें हम सकारात्मक सोच के साथ ऐसा कुछ कर दिखाएं…

Read More

…..जीवन दंश का क्या ?

…..जीवन दंश का क्या ? पढ़ती हूं ,सुनती हूं, फिर से नव पुष्प खिलेंगे, नव पल्लव फिर सज जाएंगे, पर जो टहनी सूख गई, असामयिक दावानल से, उन दरख़्तों का क्या? झुलसी वल्लरियों का क्या? जीवन की आस झलकाते परंतु अब, ठूंठ बन चुके स्याहवर्णी नवपादपों का क्या? कुछ घरों में चिरनिंद्रित मायें, रोटी जलती…

Read More

मन के हारे हार है,मन के जीते जीत

मन के हारे हार है,मन के जीते जीत आज सुबह से नेहा कुछ ज्यादा ही परेशान थी,उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह कैसे अपने को संभाले,चारों तरफ कोरोना महामारी और उसके अफवाहों से वह बहुत परेशान और हताश हो गई थी। वह इसी उधेड़बुन में थी तभी उसकी बड़ी बहन का फोन…

Read More