चलो, धरती को रहने योग्य बनाएँ
चलो, धरती को रहने योग्य बनाएँ प्रकृति और मनुष्य – दोनों जैसे न जाने कैसा लुका छिपी का खेल खेल रहे हैं। प्रकृति मनुष्य को बार-बार आगाह करती है और मनुष्य जैसे सब कुछ समझकर भी अनसुनी कर रहा है। पर्यावरण दिवस यानि कि 5 जून को हर वर्ष हम अपनी प्रतिज्ञा दोहराते हैं कि…