तड़प

तड़प यादों की धूप में बैठी अंजली का मन साइबेरिया के पंछी की तरह इस शहर से उस शहर उड़ रहा है । अपनी बालकनी से ही न जाने कहाँ कहाँ की सैर कर रही है ।आज उसका मन फिर से विचलित हो रहा था। उसे आज राज की यादें आ रही थी । गाँव…

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घर में भेड़िये

घर में भेड़िये   रात भर इमली दर्द से कराहती रही,पोर पोर फोड़े की तरह पिरा रहा था।उसे जानवरों की तरह पीटा गया।कसूर—नारी निकेतन की संचालिका के पति को उसने चाँटा मारा। उसकी हवस की टपकती लार के विरोध में —- “माई,हमको ये बापू बहुत मारता है,चिमटी काटता है,उसकी बात न माने तो हाथ मरोड़ता…

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प्यारी बेटी

    प्यारी बेटी हालाँकि सरकार ने कोरोना सम्बंधित नियमों में काफ़ी छूट दे दी थी, लेकिन अमित की बेटी अंकिता के ऑफिस वालों ने अभी भी घर से ही काम करने को प्राथमिकता दी थी।अमित की पत्नी सरला एक  स्कूल में अध्यापिका थीं और शाम होने से पहले घर आ जाती थीं ।इसलिए ऑफिस…

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असमंजस 

    असमंजस    रमा अनमनी सी कोर्ट में बैठी है । सामने बैठे राजन से नज़र मिली तो रोज़ की किचकिच आँखों में तैर गयी। उपेक्षा, ताने और झगड़े भी । उसकी नफासत और ऊँची शिक्षा ही निशाने पर हमेशा रहती। जाने क्यों शादी से पहले की समझ अब टकराव में बदल गई। फिर…

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मसीहा

मसीहा “निगोड़ी न खुद सोती है न सोने देती है।पागल कुतिया सी चार दिन से रें रें रें रें लगा रखी है ।ऐ शब्बों जा ,उसके मुंह में कपड़ा ठूंस दे ,कुछ तो आवाज़ कम आएगी । मेरा तो सर फटा जा रहा है ।” ” उसने चार दिन से खाना भी नहीं खाया है…

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चाहतें

चाहतें सुबह की चाय के लिए बालकनी में पहुँचते ही ,अवि समझ गया कि कल … नहीं सिर्फ़ कल नहीं ,कई दिनों के कड़वे पलों का भारीपन है। माँ के सामने चाय का प्याला अनछुआ ही पड़ा था और शिवि की आँखों का प्याला छलकने को आतुर ! बड़े ही सहज भाव से उसने चाय…

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गिफ्ट

गिफ्ट आज पिंकी का जन्मदिन है। लोग आ रहे हैं और उसे विभिन्न प्रकार के गिफ्ट दे रहे हैं। पिंकी बड़े चाव से गिफ्ट लेती है, लेकिन पैकेट देखते ही मुरझाए चेहरे के साथ वह एक ओर रख देती है। मैं काफी देर से इस बात पर गौर कर रहा था। फिर मौका पाकर उससे…

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बोनस

बोनस आज षष्ठी का दिन है। कीर्ति सुबह उठते ही खुशी से उछलने लगी है। कारण आज बाबा को बोनस मिलने वाला है। बाबा बोनस लेकर आएँगे और फिर दुर्गा पूजा के कपड़े आएँगे। उसके बाबा दार्जिलिंग के एक चाय बागान में नैकरी करते हैं। वह फुदकती हुई अपनी माँ कुमारी के पास पहुँची और…

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सबसे बड़ी पराजय

सबसे बड़ी पराजय सरिता से हमारा परिचय फेसबुक पर ही हुआ था।वह हमारें उन तमाम मित्रों में से एक थी,जो फेसबुक की सूची में थे और पोस्टों पर लाइक या कॉमेंट कर देते थे।व्यक्तिगत एक दूसरे को नहीं जानते थे।लड़कियों के मामले में मैं अपनी ओर से संकोचशील ही रहता था;यानी येन केन प्रकारेण,जल्दी जल्दी…

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