प्रेम का पथ
प्रेम का पथ प्रकृति ने सिखाया प्रेम समर्पित भाव से बंधन मानव से मानव करे प्रेम हृदय देखो बने चंदन। नेह से बने रिश्तों का महकता है सदा प्रकाश प्रेम जोत जगे हृदय में हो जाता मन वृंदावन। ममता के पलने में झूले प्रेम आनंदित हो संतान मात पिता , गुरू सखा प्रेम ही है…