होली

होली आया होली का त्योहर घुम रही मस्तों की टोली करे खूब धमाल हमजोली रंगों की पिचकारी छूटी भूल कर सारे मलाल संग मिल हैं नाचे गाये बजा ढोल मृदंग मन तरंग गीत फागुनी मिल गायें उडा़ये गुलाल लिए उमंग पिचकारी की धार चले सखियों हँसती हैं संग मालपुवे की है खुशबू गुझिये संग हैं…

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बेरंग जिंदगी में रंग भर दें

बेरंग जिंदगी में रंग भर दें बेरंग जिंदगी में रंग भर दें, चलो होली के रंग में रंग दें, नफरत की दीवार तोड़ कर, आओ प्रेम को संग कर दें। बुराई की होलिका जलाएं, अपने कलुषित विचारों को मिटाएं, नही तकलीफ हो किसी मन में चलो कुछ इस तरह त्योहार मनाएं। प्रेम के रंग में…

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वृंदावन की होली

वृंदावन की होली आज जो चली वृंदावन की टोली गीतों की मीठी सुरम्य बोली लगी थाप ढोल पर धमक-धम थिरक-थिरक रंगों की झोली हंसते-हंसते नज़रें झुकीं भोली। गगनांगन में मची धूम वृंदावन की मिट्टी राग रंगी लाल, पीली, नीली, काली धरा भूरी, यमुना काली गोवर्धन की काया हरी-भरी कदम्ब पेड़ हुआ भर-भर पीला उबटन और…

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पवन बसंती

पवन बसन्ती ये पवन बसन्ती मतवाली, फागुन आया पीत बसन राग रंग कुछ मुझे न भाता , जब से मथुरा गया किशन। सपना सा हो गया सभी कुछ, हुई कहानी सी बातें । रह रह उठती हूक हृदय में , कौन सुने मन की बातें। सोच रही थी अपने मन में, किशन कन्हैया मेरा है…

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क्यूँ बीत गया वो पल ……

क्यूँ बीत गया वो पल …… जिसके साथ जीने की लग गई थी लत, प्यारा ऐसे जैसे हो पिया का ख़त. जिसके लिए मोड़ दी हर सोच, लगा दी जान चाहे लगे लाख खरोंच . दे कर होठों को हँसी, बीत गया वो पल …… चाय के ख़ाली कप सी रह गई ज़िंदगी, समय इतना…

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कैसे कहूँ!

कैसे कहूँ! कैसे कहूँ कि मैं तुमसे कितना प्यार करता हूँ? कैसे कहूं! हर वक़्त पास आने का – तुम्हारा, मैं इंतेजार करता हूँ। बिना कुछ कहे ही तुम कितना कुछ कह जाती हो? फिर भी तुम्हारे मुस्कुराने का, मैं इंतेजार करता हूँ। कैसे कहूँ कि मैं तुमसे कितना प्यार करता हूँ? कैसे कहूं! तुम्हारे…

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प्रेम का पथ

प्रेम का पथ प्रकृति ने सिखाया प्रेम समर्पित भाव से बंधन मानव से मानव करे प्रेम हृदय देखो बने चंदन। नेह से बने रिश्तों का महकता है सदा प्रकाश प्रेम जोत जगे हृदय में हो जाता मन वृंदावन। ममता के पलने में झूले प्रेम आनंदित हो संतान मात पिता , गुरू सखा प्रेम ही है…

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प्रेम -बंधन

प्रेम -बंधन दो प्राणों का है अटूट ये बंधन । दो श्वांसों का श्वांसों से अनुबंध । दो प्राणों की मधुर आलाप है दो प्राणों की ये वेदना है। प्रेम ..मौन की बोलती भाषा प्रेम …हृदय की है परिभाषा । दो नयनों का स्मित -हास जीवन का है जो दीर्घ श्वास। प्रेम … राधा का…

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प्यार

प्यार प्रेम प्यार इश्क़ उल्फत शब्द अनेक , मतलब एक, अनुभूति एक, अभिव्यक्ति अनेक। ईश्वर से प्यार, एहसास ए उल्फत खुदा से, देता है सुकून महफ़ूज़ रहने का अहसास। एक माँ का प्यार, दुलार, ममत्व, वात्सल्य से भरे आँखों से कर देता है व्यक्त, शब्दों का नहीं है मोहताज। एक शिशु का प्यार, अस्फुट ,…

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बसंत बहार

बसंत बहार पीली सरसों पीले खेत बसन्ती छटा में रंगा धरती का परिवेश पवन सुगन्धित मन आह्लादित बसंत बहार सुनाये रे… पतंग रंगा, नीला आकाश “वो काटा” से गूंजा जाए अमराई बौरें झूम झूम डोलें मन मयूर बहका जाए रे… सरस्वती पूजन मन्त्रोच्चारण, कानों में शहद सा घुलता जाए हिय हुलसै,मन उडे बचपन की गलियों…

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