माँ

माँ सब रिश्तों में सबसे छोटा शब्द पर भावनाएँ असीमित हैं। एक अथाह सा सागर है पर सम्भावनाएँ असीमित हैं । अन्जान दुनिया में जन्म लेकर बहुत डरी हुई थी मैं । जब गोद में लिया तूने महफूज़ , सँभली हुई थी मैं। याद है हर वो पल जब तूने दिया सहारा मुसीबतों के सागर…

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माँ

माँ माँ सहनशक्ति की अनुपम मिसाल है, उसका हर रूप बच्चों हेतु बेमिसाल है। वह सृजनकर्ता है,नित प्राण रक्षक है, बच्चों पर आँच आ जाये तो बनती भक्षक है। वह अन्नपूर्णा है घर की संचालिका है, वह जो न हो घर मे तो घर का नही कोई मालिक है। वह हिम्मत है,वह ताकत है, वह…

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पर्यावरण

पर्यावरण हे मानव! अब क्यूँ करता है क्रन्दन? पर्यावरण दूषित करने का तू ही तो है कारण, मैं पेड़… क्या कसूर था मेरा? मैने तो दिए फल और सदा ही छाँह। और बच्चों के झूले की खातिर फैला दी अपनी बाँह। पर तुमने? काट कर मेरी शाखाएं अपंग मुझको कर दिया। घोंसलों को तरसे पंछी,…

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पर्यावरण और त्योहार

“पर्यावरण और त्योहार “ डरे सहमे से पेड़-पौधे जा पहुंचे मानव के पास दीपावली करीब आ गई तो उनकी थीं शिकायतें खास.. पत्ते, शाखाएं, फूल और कलियाँ सबके सब कुछ घबराए थे नन्ही घास,बेलें, लताएँ, फल मुँह बनाए और गुस्साए थे-.. “हर तरफ दीवाली की खुशियाँ हैं पर हम सब सहमे से खड़े हैं अजीब…

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होली जोगीरा

होली जोगीरा आयो है मधुमास, छायो है प्रभास, सुरभित है उपवन, अली करे रसपान, बजाकर बांसुरी सी तान, मैं कैसो करूं बखान, जोगीरा सा रा रा रा…. जोगीरा सा रा रा रा…. पधारे ब्रज में अनंग, देखन को रास रंग, गोपीयन के अंग, थिरकत हैं श्याम संग, हर्षित वृंदावन धाम, मैं कैसो करूं बखान, जोगीरा…

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फागुन

                                                     फागुन                          माघ बीता फागुन आया, लाया रंगों की बौछार,  होली में…….                         कजरारे नैनों की भाषा,  कुंदन बदन की अभिलाषा,                           है वह निपट गंवार अनाड़ी, जो न समझे होली में…….                                कैरी टपकी, कोयल कूकी, टेसू दहका, भौंरा बहका,                            कनकनी दूर हुई,  पानी पर आया प्यार होली में…….                            छ्र्रर्र्र पिचकारी बरसे,  उड़े अबीर गुलाल के…

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ऑटिज्म डे

ऑटिज्म डे दो अप्रैल दिवस बना है खास, ऑटिज्म दूर करने का ले मन में विश्वास, चले सभी आज ऑटिज्म डे मनाने, कि मन में हो जगे ऐसे पीड़ितों के लिए एहसास। है ऑटिज्म एक बुरी मानसिक बीमारी, जिसके कारण दिखती है पीड़ित के मन में लाचारी, होती मानसिक विकास की गति धीमी, नन्हें बच्चों…

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एक होली ऐसी भी

एक होली ऐसी भी हो उठता है आसमान लाल पीले गुलाबी रंगों से सराबोर जब फागुनी बयार और शुष्क पत्तों का शोर हृदय को देता है झकझोर जब फगुआ के गीतों के बीच अश्रुओं की अविरल धारा नयनों को देती है सींच जो मां की आंखों का तारा था एक पत्नी का अभिमान सारा था…

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होली पर आओ कान्हा

होली पर आओ कान्हा नर है वो मनमाना, होली का करे बहाना, होली के बहाने से वो,डाले कुड़ियों को दाना।। रंग ले अबीर ले और साथ में है भाँग छाना, मनमौजी छैला है, वो बातों में न कोई आना होली की मादकता में उसका न कोई सानी, गुलाल की आड़ में वो कर रहा मनमानी।।…

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रंगों की बरसात

रंगों की बरसात होली के त्यौहार की, अजब निराली बात पिचकारी से हो रही, रंगों की बरसात फागुन आया साथ ले, रंगों का त्यौहार अंग अंग पड़ने लगी, पिचकारी की धार भोर सुंदरी गाल पर, मलने लगी गुलाल धरती दुल्हन सी सजी,अंबर हुआ निहाल पड़े ढोल पर थाप तो, गाये मेघ मल्हार हवा बाँचती पातियाँ…

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