कहानी
आत्मिक प्रेम
आत्मिक प्रेम राजमहल का उद्यान- प्राकृतिक सौन्दर्य से परिपूर्ण, रंग-बिरंगे फूलों की क्यारियों से होती हुई तितलियों की परिक्रमा, मधुप का गूँजन, सरोवर की शीतलता और शीतल मंद सुरभित वायु उस रमणी को याद करने पर मजबूर कर दिया, जिसकी चर्चा तीनों लोकों में है। निषध देश का राजकुमार नल अंतःपुर के उद्यान में…
काली मुन्नी
काली मुन्नी ”बड़ी भूख लगी है बुआ।आज मम्मी कहाँ हैं ? ” ”मम्मी अस्पताल में हैं।आपके एक और बहिनिया हुई है। ” बुआ के स्वर में व्यंग्य था, आँखों में उपहास।चाची की शह पाकर वह हंसी उड़ाने लगीं।ठीक वैसे ही जैसे लूडो के खेल में उसे हराने के बाद वह हँसती थीं। ”और अम्माजी ?…
चूड़ियों की खनक
चूड़ियों की खनक रवि के पैर का उत्साह जैसे हवा से बात कर रहा था।घर जल्दी पहुंचने के लिए उसके पैर आतुर हो रहे थे। उसने कभी सोचा भी नहीं था कि वक्त के साथ हमें यू इतने लम्बे समय तक इस तरह अलग रहना पड़ेगा । पूरे एक वर्ष बाद आज उससे मिल…
हत्या की शिनाख़्त का सपना
हत्या की शिनाख़्त का सपना कोई नींद में बोल रहा था. नहीं, ये रात के सन्नाटे में किसी के फ़ोन पर झगड़ने की आवाज़ नहीं थी, ये एक बहकी हुई बेहोश आवाज़ थी, मैं अचानक डर गयी. यह आवाज़ नशे में बहकी हुई नहीं थी, नींद में बेहोश थी, लस्त पस्त। मैं उसे पहचानती थी….
कहानी ‘मेला’ एक वैचारिक दृष्टिकोण
कहानी ‘मेला’ एक वैचारिक दृष्टिकोण साहित्य संसार की प्रतिष्ठित कथाकर, जो, केवल कहानियों में ही नहीं, नाटक, उपन्यास, कविता, निबंध, पत्रकारिता,लगभग साहित्य की अधिकांश विधाओं में अपना हस्तक्षेप रखतीं हैं और अपने लेखन के लिये अनेक साहित्य सम्मान से नवाज़ी गईं हैं। प्रबुद्ध, सरल -सहज, सौम्य, चेहरे पर,निर्बाध, निश्छल हँसी ऐसे दिखती है,जैसे पूस में…
एक प्रेम ऐसा भी…
एक प्रेम ऐसा भी… “सात समुंदर पार से राजकुमार आएगा तुझे ब्याहने.. फिर, सफेद से घोड़े पर बैठा कर ले जाएगा मेरी प्यारी बिटिया को”– दादी यही कहकर बचपन में खाना खिलाया करती थी। “दादी उस राजकुमार का क्या नाम होगा..?” बड़ी- बड़ी आँखें निकालकर हलक में भोजन का एक कौर निगलती हुई पूछा करती…
हमारी लड़ाई
हमारी लड़ाई नर्स आकर जब कुलवंती के कान में यह कहने लगी तो कुलवंती को मूर्छा आ गई| उसका पूरा शरीर कांपने लगा| … “यह क्या हुआ” कहते हुए वह थहरा कर बैठ गई | कुलवंती को दांत लग गया| नर्स अपना पूरा जोर लगा कर कुलवंती को पकड़ कर सामने पड़े ओसारे के पर…
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