सपनों का भारत

” सपनो का भारत “ हो न अमन की कमी इस जहां में मिलजुल सब रहें इस जहां में हर विस्थापितों को मिले आशियाना रहे अनाथ ना कोई इस जहां में आतंकी के आतंक का हो खात्मा उन्हें भी प्यार मिले इस जहां में बागों में खिले हर इक कली कहीं कुम्भला न जाए इस…

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बुलंदियों के गगन में लहराएँ तुझे शान बान से

“बुलंदियों के गगन में                लहराएँ तुझे शान बान से” हम कौन थे ,क्या हो गये हैं और क्या होंगे अभी, आओ विचारें आज मिलकर ये समस्यायें सभी । सोने की चिड़िया कहा जाने वाला भारत देश अगर गरीबी, अशिक्षा ,बेरोजगारी आदि मूलभूत समस्याओं से जूझ रहा है तो…

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स्वतंत्रता उर्फ़ स्वाधीनता या स्वछंदता,.?

स्वतंत्रता उर्फ़ स्वाधीनता या स्वछंदता,.? स्वतंत्रता क्या है,..? स्वतंत्रता का अर्थ क्या है,..? अपने मन मुताबिक चलने की आज़ादी,..? या मनमानी करने की आज़ादी,..? या अभिव्यक्ति की आज़ादी,..? आखिर क्या है स्वतंत्रता?? एक पतंग जो खुले आकाश में उड़ती है आज़ाद होती है? या एक पंछी जो अपनी काबिलियत और सामर्थ्य के दम पर उड़ता…

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भारतं त्वम् भारतं

  भारतं त्वम् भारतं विश्व का इतिहास देखो खुद को सबके साथ देखो सूर्य की पहली किरण से तुमने जग को रौशनी दी जानता है जग ये सारा मन में मानवता भरा है सभ्यता का सूर्य भारत ज्ञान की नव चेतना है प्रण-प्रतिज्ञा प्रेम-पावन कर लो तुम प्रण-प्राण से कल का भारत आज तुमको फिर…

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तस्वीर भीड़तंत्र की

तस्वीर भीड़तंत्र की कुछ संसद में, कुछ सड़क पर चिल्ला रहे हैं छुप भीड़ में, हमें मारने की योजना बना रहे हैं ! चाल सियासी हो या फिर बात हो धार्मिक उन्माद की ताक पर रख मानवता, शिकार हमें बस बना रहे हैं ! योजना वद्ध तरीके से शिकार हमारे करते हैं कौन जिन्दा, कौन…

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बदबूदार कमरे

बदबूदार कमरे —————— स्वतंत्रता का उत्सव क्या खाक मनायें हम, अनगिनत घावों से रिस रहा जब इस धरा का तन मन। नन्हीं कलियों के कुचले जाने के खबरों का है बाजार गरम, और फिर भी कहते रहतें हैं बहुत महान है अपना वतन। इधर सड़कें सजीं, मैदान सजें और तिरंगो से सजता रहा गगन, उधर…

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शहादत

शहादत शहादत जो हुआ सो हुआ अब तू संभाल ले खुद को दूर चलना है, रास्ता अभी बाकी आशाओं की तरह | आसान नहीं है रास्ता यहाँ जंगल भी है फूलों भरी बगिया भी, खूंखार शेर भी है मासूम तितली भी | फिर भी चलना है लक्ष्य के लिए और दिल में प्रेम लिए.. |…

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“आजादी – उत्सव या कर्त्तव्य “

 ” आजादी – उत्सव या कर्त्तव्य “ आजादी के बहत्तर साल , बोल कर देखिए , एक सुकून और गर्व का एहसास होगा , 15 अगस्त 2019 को हमारा देश आजादी की बहत्तरहवीं वर्षगाँठ मनाएगा। बहुत मुश्किलों और संघर्षों के दौर से निकल कर आज हम उस जगह हैं जहाँ हम ये कह सकते हैं…

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आजादी के पहले का हिंदुस्तान चाहिए

आजादी के पहले का हिंदुस्तान चाहिए हमें कश्मीर नहीं पूरा पाकिस्तान चाहिए, आजादी से पहले का हिंदुस्तान चाहिए। हम हैं अमन के रखवाले युद्ध छेड़ते नहीं पर हम छेड़ने वालों को कभी छोड़ते नहीं तुमने जो की मक्कारी उसे कैसे सहेंगे पुलवामा का बदला अब हम लेकर रहेंगे हमें अब और नहीं बेटों का बलिदान…

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सुमधुर भारत वर्ष हमारा

सुमधुर भारत वर्ष हमारा जाने कितनी कवियों ने दोहराई होगी बात पुरानी , आज सुनाता हूँ मैं तुमको नव भारत की नई कहानी। नई पुरानी सभ्यताओं का संगम भारत वर्ष कहाता, यहाँ कभी ना टूटा नई पुरानी संस्कृतियों का नाता। यहाँ जुड़ी है कड़ियां कितने रस्मों और रिवाजों से, यहाँ मिली है धड़कन कितनी धर्मों…

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