सपनों का भारत
” सपनो का भारत “ हो न अमन की कमी इस जहां में मिलजुल सब रहें इस जहां में हर विस्थापितों को मिले आशियाना रहे अनाथ ना कोई इस जहां में आतंकी के आतंक का हो खात्मा उन्हें भी प्यार मिले इस जहां में बागों में खिले हर इक कली कहीं कुम्भला न जाए इस…