गृहस्वामिनी दिसंबर 2019
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नागरिकता संशोधन कानून नागरिकता संशोधन कानून के बारे पढें और समझे । एक बहुत बड़ी भ्रांति फैलाई जा रही है कि यह बिल माइनॉरिटी के खिलाफ है, यह बिल विशेषकर मुस्लिम समुदाय के खिलाफ है।किसी के बहकावे में ना आएं।हम एक हैं हमें कुछ राजनीतिक दलों के बहकावे में नहीं आना है। नागरिकता (संशोधन)…
संघर्ष ही मेरे जीवन की प्रेरणा है। क्या कहूँ, मैं कौन हूँ! कैसे करूँ, मैं स्वयं को परिभाषित! वर्षों की चिंगारियों की धुंध में, सुलगती आग, संवेदना की ज्वार हूँ। जटिल संघर्षों से उपजी, मौन अकुलाहट….! संभ्रांत, मर्यादित….. शब्दों की व्रिहद अभिव्यक्ति, “सरस व्यवहार हूँ मैं।” अपनी लिखी कविता की इन्हीं पंक्तियों के…
“मेडिकल समर्पित रक्त व साहित्य सुधा” जिंदगी का सफर यदि खट्टे मीठे अनुभवों का पिटारा है , तो यादों के पन्ने होते हैं और फिर चलते चलते जीवन के उतार चढ़ाव में विधाता ने कुछ ऐसे मोड़ लिखे होते हैं,जिनके बारे में कल्पना में भी सोचा नही होता है।बचपन की यादें एक सुखद हँसी होंठों…
ये अंतर्नाद है मेरा जन्मस्थल पाटलिपुत्र (पटना) वैदिक काल से ही अपना एक ऐतिहासिक गौरव समेटे हुए है। मेरे दादा मेवालाल लक्ष्मण प्रसाद जौहरी स्वतंत्रता सेनानी थे और अपने समय में पटना के प्रसिद्ध जौहरी भी थे।मेरे पिता जी राजा राम मोहन राय स्कूल में टीचर थे,बाद में कृषि विभाग में हो जाने पर सरकारी…
Multidimensional Author turned publisher, SUNITA PAUL resides in Kolkata, India. She is widely published and anthologized author from USA , UK and India. She is blessed with multidimensional personality.Mother of two sons,Sunita lives wifh her husband in Kolkata. An avid reader,she dedicates her free time to her family.Fond of cooking and gardening ,Sunita finds…
Life is not easy As I look at the array of awards and certificates arranged on a table -36 till now with Almighty ‘s Grace , I know deep down that the accolades that come my way are the result of the churning ad battering that my heart underwent after the sudden passing away…
इसे कहते हैं ज़िंदगी वैसे तो मैं एक लेखिका हूँ लिखना पेशा नहीं जूनून है मेरा लेकिन अपनी जिंदगी के बारे में लिखने बैठी हूँ तो बीती जिंदगी का हर लम्हाँ एक एक करके नजरों के सामने आ गया है।क्या लिखूँ और क्या नहीं ,हर लम्हें की अपनी खूबसूरती हैं और महत्ता है।बात अपने जन्म…
“कुछ कही, कुछ अनकही” जीवन में अनेक पहलू ऐसे आते हैं जो अंतस में खलबली तो मचाते हैं पर उसको बाहर लाना सरल नहीं होता और यही बात कई बार अंदर घुटन उत्पन्न करती है तो अनेकों बार हम उसी में खुशी ढूंढ लेते हैं। ज़िन्दगी के यही चढ़ते-उतरते पड़ाव हमारे जीवन की कहानी बन…
छठ पर्व : भावनाओं का ज्वार पवित्र कार्तिक मास आते ही वातावरण ज्योतिर्मय होने लगता है… शक्तिदायिनी माँ दुर्गा के आगमन के बाद से ही मातृ शक्ति का एक प्रवाह मन की भावनाओ को झंकृत करने लगता है … बंगाल की कोजागरी लक्खी पूजा, काली पूजा, जगद्धात्री पूजा तो अन्य स्थानों पर धन की देवी…