कोरोना

कोरोना कोरोना को रोक दो , सुनो सभी तुम आज । इसे महामारी कहें , या करना कुछ काज ।। सभी साफ रहना सदा , भीड़ भाड़ से दूर । साफ सफाई हाथ की , रहे वायरस दूर ।। सादा जीवन हो सदा , रखना उच्च विचार । शाकाहारी हो सुनो , सुंदर हो आचार…

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दुविधा’

‘दुविधा’ आज है नारी दिवस सुबह से ही लगा है तांता बधाई संदेशों का पर मैं हो रही हूँ दो चार दुविधा से मौका खुशी का है या फिर गम का नही कर पा रही तय मैं जब झांकती हूँ भूतकाल में देखती हूँ तृप्ता , मरियम, यशोदा, जीजा बाई होती हूॅ गर्वित कि मैं…

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कैसे ठहरता बसन्त

कैसे ठहरता बसन्त बसन्त यहां भी आया था द्वार पर ही थी अनुरागी किसलय से भरी थी अंजुरी लहकती उमंग-तरंग सोमरस से भरे घट, परिणय पल्लवों को छूती मंज़र उन पर बैठी अभिलाषा पिक अभी कुहुक ही रही थी पूरी तरह पंचम स्वर पकड़ी भी नहीं ऊपर कहीं से अनायास निर्विघ्न चक्रवाती तूफान ने घेर…

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फागुन की बयार

फागुन की बयार छाया है बसंत चहुंओर बही है फागुन की बयार धरती ने ओढ़ी पीली चुनरिया हुलसे है जियरा हमार पूरी धरती है लाल-लाल चारों ओर उड़ा गुलाल नीले,पीले, लाल हो रहे सभी के गाल और द्वार चढा नशा भाँग का कर रहे हम आज हुड़दंग आज तो खूब सखि रे मनवा में छाया…

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पुत्री को पत्र

पुत्री को पत्र प्रिय तान्या खुश रहो कुछ दिनों से देख रही हूँ तुम बीच बीच में बहुत भावुक हो जाती हो।कल ही तुमने बातों बातों में मुझसे कहा कि माँ कभी-कभी लगता है मैं तुम्हारेजैसी होती जा रही हूँ। अब तो वही सब करने लगी हूँ जिनका मैं कभी मजाक बनाया करती थी। माँ तुम्हारा…

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इस बार यूँ होली

इस बार यूँ होली कुछ सतरंगी सी चाहत यूँ आज मचल रही है जैसे इस फागुन होली अनकही भी कह रही है मेरी हसरतों को यूँ निखार देना तुम ले सूरज की धूप सूनहरी मेरी गालों पे लगा देना तुम सजा देना माँग मेरी पलाश के सूर्ख लाली से जो चूनर ओढ़ लूँ मैं धानी…

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तीसरी दुनिया की इन्सान

तीसरी दुनिया की इन्सान जी.. सुनो .. मैं एक अलग दुनिया की इन्सान हूं. जो बिन नींव के महल बनाती हूं.. और ताउम्र उनके टिक जाने ……..का इंतजार भी करती हूं. समुन्दर से आकाश में तारों की इस बाढ़ में.. देखो.. इक दिया .लिये….. खडी़ हूं मैं.. दुखों की इस बगिया का .. अश्रु सिचंन…

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होली में

होली में जाहिर हम जज़्बात करेंगे होली में तुमसे खुल कर बात करेंगे होली में ।। तुम उसको आंखों आंखों में पढ लेना हम जो इजहारात करेंगे होली में ।। खोल के दिल के दरवाजों को तुम रखना पेश तुम्हे सौगात करेंगे होली में ।। खुशबू से भर देंगे तेरे दामन को फूलों की बरसात…

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आज बिरज में, होरी रे रसिया

आज बिरज में, होरी रे रसिया होटल के कमरे की बालकनी से समुद्र की मचलती लहरों में खोई बैठी थी कात्यायनी। शुभेन्दु ने आकर कहा ‘हम कल नहीं जा सकते गोवा से।’ लेकिन क्यों… हमारी टिकट तो कन्फर्म है। पूछा कात्यायनी ने। वो … राजभवन से यह आमंत्रण आया है। होली मिलन समारोह में आपका…

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