माता और पिता

माता और पिता मैं अपने पिता की सबसे बड़ी आलोचक रहीं हूँ, मेरी अति सौम्य मृदुभाषिनी माता की तुलना में, वे काफी रूखे, सख्त, अहंकारी और अनुशासित इंसान दिखते रहें हैं। अगर प्रतीकों की भाषा में कहा जाए तो, माँ एक कोमल कविता सी हैं, तो पिता एक राष्ट्र गान जैसे, माँ के नर्म –…

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कन्यादान एक विवशता

कन्यादान एक विवशता सामान्यतः मध्यमवर्गीय परिवारों मे लड़कियों के विवाह के लिए आदर्श उम्र स्नातक के बाद से ही मानी जाती है ।ज्यादातर मामलों मे उच्च शिक्षा और भविष्य संबंधी सभी निर्णय लड़की के भाग्य और ससुराल पक्ष के मिजाज पर निर्भर करता है!हमारे साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ, बात उन दिनों की है,…

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पिता पूरा संसार है

पिता पूरा संसार है माँ आधार है तो पिता पूरा संसार है पूरी दुनिया में जो बिना थके चले वो बेशुमार प्यार है बच्चों का भविष्य सुधार सके इसके लिए हर दम तैयार है ऊपर से सख्त अंदर उनके प्यार ही प्यार है माँ आधार है तो पिता पूरा संसार है जिससे सीखा ईमानदारी का…

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पिता

पिता पिता एक शख्स नही संस्कार आदर्श मयार्दा धर्म सहनशीलता की परिभाषा है पिता रामायण कुरान बाइबिल गुरुग्रंथ गीता का ज्ञान भरा भंडार हैं पिता जीवन के संघर्ष में कभी न हारने का संदेश देते है अँधेरे तो क्या हुआ रौशनी को तु तलाश कर यही सिखलाते हैं पिता पिता होते हैं बरगद की छाँव…

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एक पाती पिता के नाम

एक पाती पिता के नाम देखा है आपने कभी? फल-भार से युक्त किसी विटप को, मीठे बीज-कोशों को अपने, जो भूमि पर बिखेरकर, खुश होता है बच्चों को चखता देख। उसके पल्लव बयार संग डोल, दर्शा रहे हों मानो उसी आमोद को। उसी पुष्पद की तरह विशाल, छायादार छवि पिता की , जिसकी छाँँव तले…

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पिताजी

पिताजी घर का सारा प्यार पिताजी बच्चों का संसार पिताजी।। जीवन है इक उलझी नैय्या नैय्या की पतवार पिताजी।। मेरी ख़्वाहिश के कुछ-कुछ पर देते सब कुछ वार पिताजी।। जब भी आए ग़म के तूफ़ां बन जाते दीवार पिताजी।। माँ है देवी माना जग ने ईश्वर का अवतार पिताजी।। ‘गुंजन’ डरना क्या मुश्क़िल से जब…

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पिता

पिता यह तुम्हारा स्नेह ही तो था, जो संघर्षों के जंगल में, किसी बासंती बयार की तरह, सहलाता रहा मेरे शूल चुभे पांवों को. फूलों की सेज न सही, हरियाली तो थी मेरे सामने .. खुले आकाश की तरह. कुछ सपने थे इन्द्रधनुषी, .. कल्पना के पंखों पर तैरते हुए.. किसी अज्ञात मंजिल की तलाश…

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बदलते स्वरूप में आज के पिता

बदलते स्वरूप में आज के पिता आज फादर्स डे है। माँ और पिता ये दोनों ही रिश्ते समाज में सर्वोपरि हैं। इन रिश्तों का कोई मोल नहीं है। पिता द्वारा अपने बच्चों के प्रति प्रेम का इज़हार कई तरीकों से किया जाता है, पर बेटों-बेटियों द्वारा पिता के प्रति इज़हार का यह दिवस अनूठा है।…

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