हम जीतेंगे
हम जीतेंगे हम जीतेंगे, हम जीतेंगे लाज़िम है कि हम ही जीतेंगे वो दिन कि जिसका अरमां है हम सारे जनों का फ़रमां है जब ये भय, ये दहशत का आलम बन इक गुबार उड़ जाएंगे बेशक़ हम दिलों को जोड़ेंगे औऱ ज़ंजीरों को तोड़ेंगे लेकिन, लेकिन……. ना रखे दुश्मन कोई भरम नहीं है मुश्किल…