विश्‍व जनसंख्‍या दिवस : चुनौती और सोच

विश्‍व जनसंख्‍या दिवस : चुनौती और सोच साल 1987 से 11 जुलाई को प्रतिवर्ष विश्‍व जनसंख्‍या दिवस के रूप में मनाया जाता है। आज विश्‍व की आबादी 7 खरब के ऊपर है और यह दिन शायद इसीलिए जरूरी है कि हम बढ़ती जनसंख्‍या से उत्‍पन्‍न चुनौतियों को समझें और अपने भविष्‍य के निर्णय लें। दृष्‍य…

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बचपन और बारिश

बचपन और बारिश याद आता है मुझको अपना गुज़रा ज़माना वो बारिश का मौसम और बचपन सुहाना स्कूल में रेनी डे होने पर मेरा खुश हो जाना रास्ते में फिर छप छप करते हुए आना छींटे पड़ने पर लोगों का बड़बड़ाना फिर साॅरी बोल मेरा जल्दी से भाग जाना घर आकर बारिश के पानी से…

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सावन की हरीतिमा

सावन की हरीतिमा सावन की हरीतिमा धानी ये धरती, कजरारी मेघा बारिश की छम छम हरी बिंदिया हरी साड़ी, मह- मह महकती हरी मेहंदी की धमधम!! झूलों की उठान गोरी की तान, बलखाती नदियां मेघों का घम घम!! बौराया मन भरमाया तन, बूंदों की सरगम हवाओं का सन -सन! ये मौसम ये सावन धुला धुला…

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जीते भारतवर्ष

जीते भारतवर्ष बेटे की शहादत पर गर्व के साथ-साथ… दुःख और दर्द के अथाह सागर में डूबा परिवार, बहुत आक्रोशित है हर हाल में लेना चाहता है बदला दुश्मन देश से…. लेकिन फ़िर भी उस परिवार का पिता नहीं चाहता है वो युद्ध वो नहीं चाहता किसी और पिता के कंधों को सहना पड़े जवान…

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‘सावन के झूले पड़े, तुम चले आओ’

‘सावन के झूले पड़े, तुम चले आओ’ सावन के मौसम में बड़े पैमाने पर वर्षा होती है जिसे मानसून कहा जाता है. “मानसून में तीन अलग-अलग कारक शामिल होते हैं – हवा, जमीन और समुद्र। मानसून का वर्णन प्राचीन काल से ही होता आ रहा है। ऋग्वेद और सिलप्पाधीकरम, गाथासप्तशती , अर्थशास्त्र, मेघदूत, हर्षचरित्र जैसे…

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स्पेशल-वार्ड

स्पेशल-वार्ड “दीदी, माँ आएगी न….माँ मेरे पास क्यों नहीं आती?….. मुझे बहुत दर्द हो रहा है….. मुझे उसके बिना नींद नहीं आती.” पांच साल का नन्हा रोहित अस्पताल के स्पेशल-वार्ड के बेड नंबर ग्यारह पर पड़ा, आने-जाने वाली हर नर्स से यही सवाल करता, फिर सुबक-सुबक कर रोने लगता. अस्पताल के उस स्पेशल वार्ड की…

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गुरू एक पथ प्रदर्शक

गुरू एक पथ प्रदर्शक वैदिक काल से शुरू हुआ गुरूकुल का प्रचलन हुआ आवश्यक है गुरू सानिध्य गुरू का हो सुंदर आशीष संसार के हर उत्तम कर्म ज्ञान औ विद्या होये संगम जन्म लेता है मानव शिशु माता पिता पाये औ सीखे सांसारिकता का ज्ञान मिले पर बिन गुरू ना दिशा मिले अक्षर ज्ञान से…

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सिर्फ पूजा नहीं स्वच्छता भी जरूरी

सिर्फ पूजा नहीं स्वच्छता भी जरूरी आज गुरु पूर्णिमा है। गुरु यानी आध्यात्मिक गुरु, फिजिक्स या अलजबरा सिखाने वाला गुरु नहीं। भारतीय अध्यात्म में दर्शन का बहुत महत्व है। दर्शन का अर्थ है दिव्यत्व की एक झलक पाना। कहते हैं गुरु या मंदिर की मूर्ति का एक दर्शन भी शिष्य को पवित्र कर देता है।…

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नमन

नमन गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः। गुरुरेव परंब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः।। कहते हैं हमारा अहम और खुद की शंकाए ही हमें अपने गुरुजनों और अपनों के पास या करीब जाने से रोकती हैं। स्वतः हम इसके जिम्मेदार होते हैं। हमारे मन के अंदर का कचरा हम में इस क़दर भरा रहता हैं कि वह दूसरी अच्छी…

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ज्ञान के गौरव

ज्ञान के गौरव अंधकार से जो प्रकाश का स्वप्न दिखाते हैं जीवन की शूलभरी राहों पर पुष्प खिलाते हैं संघर्षों में जो मंगल के गान रचाते हैं वंदनीय जग में गुरु की अनुपम सौगातें हैं अमर हुए तुलसी कबीर भी गुरु का ज्ञान मिला प्रतिभा की जय हुई जगत मे शुभ सन्मार्ग मिला एकलव्य आरुणि…

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