युद्ध लड़ रही हैं लड़कियाँ

युद्ध लड़ रही हैं लड़कियाँ कविता संग्रह- युद्ध लड़ रही हैं लड़कियाँ कवि-वीरेंदर भाटिया प्रकाशक- संभव प्रकाशक, प्रेमचंद्र पुस्तकालय तितरम, कैथल-136027 (हरियाणा) प्रथम संस्करण- 2020 स्वतंत्र सदी में युद्ध लड़ रही स्त्रियाँ : पर-तंत्रता यह समय पुस्तक समीक्षा का एक ऐसा दौर है जहां हर समीक्षाकार व्यक्तिगत तौर पर ध्यान रखकर समीक्षा करने पर आमादा…

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महामारी में भी ओछी राजनीति

महामारी में भी ओछी राजनीति एक बड़े शायर का शेर है लू भी चलती थी तो बादे-शबा कहते थे, पांव फैलाये अंधेरो को दिया कहते थे। उनका अंजाम तुझे याद नही है शायद, और भी लोग थे जो खुद को खुदा कहते थे।। महाभारत काल में अखंड भारत के मुख्यत: 16 महाजनपदों कुरु, पंचाल, शूरसेन,…

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हरेला

हरेला आज सोलह जुलाई है। इस दिन हमारे उत्तराखंड का राजकीय पर्व हरेला मनाया जाता है। पर्व की परंपरा यह रही है कि परिवार के मुखिया एक टोकरी में मिट्टी डालकर उसमें गेहूं, जौ, मक्का, उड़द, गहत, सरसों, चना बो देते हैं। नवें दिन डिकर पूजा यानी गुड़ाई होती है। दसवें दिन हरेला काटा जाता…

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एक निमंत्रण मानसून को

एक निमंत्रण मानसून को आसमान मे तक, श्याम बादलोँ को, दे दिया उन्हें नेह निमंत्रण। आ मानसून आ, बहा ले जा अपने साथ, पिशाचिनी कोरोना को। जिसने कितनी माँओं से उनके बच्चें छीने, और कितने बच्चों से छिना, उनके पिता का दुलार। जिसके कुचक्र में फँसकर कराह रही हेै आदमजात। आ मानसून आ, बहा ले…

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