स्वर्णिम लेखनी

स्वर्णिम लेखनी बहुत कठिन प्रश्न है यह कि मुंशी जी की कौन-सी रचना सर्वाधिक पसंद है और क्यों ?जिस लेखनी से कथा का अर्थ समझा व पढ़ने का सलीका आया वह है कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद की कलम। हर कहानी मन-मस्तिष्क पर अंकित। चाहे मजदूर हो या किसान, सूदखोर महाजन या खून चूसता जमींदार, सरकारी…

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तेरे मेरे सपने

तेरे मेरे सपने ज़मीन के उस छोटे से टुकड़े पर पूरा एक जहाँ फैला है…. बृज और गौरा की दुनिया जिसमें सपने रूप बदल तितली से उड़ा करते हैं। पानी के इंजन की धक-धक और काले धुएँ में, बहते पानी में, धरती में दबते बीज में, अंकुरण में और नवांकुर के ऊपर आने में अनगिनत…

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बड़े लोकेर बेटी लोग

बड़े लोकेर बेटी लोग यह बहुत पुरानी बात नहीं है। एक शहर में एक व्यापारी परिवार था। धन दौलत, ऐशो–आराम की कोई कमी नहीं थी। दूसरे विश्व युद्ध के समय कपड़ों के व्यापार में अच्छी आमदनी हुई। पूरे शहर में एक ही कोठी थी-पीली कोठी। घर के सामने बगीचा, शेरों वाली मूर्ति और संगमरमर का…

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कमली

कमली “कमली….अरे कमलिया! कहाँ मर गयी रे? तुझे कहा था इन बकरियों को बाड़े में बांधने… सारी साग चबा गयीं…ये लड़की तो मेरे जी का जंजाल ही बन गयी है”. कमली की चाची भुनभुनाती हुई बकरियों को हाँकने में लग गयी. उधर चाची की घुड़की औऱ बड़बड़ाहट सुनकर कमली भागती हुई आई. उसे पता था…

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मुंशी प्रेमचंद

मुन्शी प्रेमचंद कथा सम्राट, उपन्यास सम्राट कहानी सम्राट लघु कथा, प्रेमचंद जी की रचनाओं में ग्रामीण परिवेश रहन सहन जीवन शैली देखते ही बनती है उनकी किसी भी कहानी लघु कथा या निबंध आज भी उतनी ही प्रासंगिक लगती है उनके किसी एक रचना को रुचि कर बताना बहुत ही मुश्किल कार्य है उनके कहानी…

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निर्मला : एक औरत

निर्मला : एक औरत मुंशी प्रेमचंद, जो कि कलम के सिपाही, के नाम से भी जाने जाते हैं, ने हिन्दी साहित्य की अभूतपूर्व सेवा की है। उर्दू और हिन्दी में लिखी उनकी 300 कहानियों और करीब 45 उपन्यासों ने सौ वर्षों से अधिक समय से साहित्य प्रेमियों को गुदगुदाया है, उत्साहित किया है, प्रेरित किया…

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बाल मनोविज्ञान की सर्वश्रेष्ठ कहानी ईदगाह

बाल मनोविज्ञान की सर्वश्रेष्ठ कहानी ईदगाह प्रेमचन्द की कहानियां हमारे आसपास और दैनंदिन जीवन की हर छोटी-बड़ी घटनाओं से प्रेरित होती है,उनको पढ़ते समय यही प्रतीत होता है जैसे यह घटना हमारी आंखों के सामने घटित हो रही है अथवा हमारे परिवेश से ही जुड़ी हुई है, विशेष रूप से बाल मनोविज्ञान से जुड़ी कहानियां,अपनी…

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जुगनू अम्मा

जुगनू अम्मा आज सुबह से ही मन उदास सा है। रात भर नींद नहीं आई थी और अब सात बजने पर भी आंखें खुल नहीं रही हैं। फटाफट फ्रेश होकर गैस पर चाय चढ़ा दी और तेज पत्ती डालकर कप में छानकर बाहर बालकनी में आ गया। आजकल सुबह कितनी सुहानी हो गई है। चिड़ियों…

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पेट की आग

पेट की आग रमिया का विवाह दीनू से लगभग सात वर्ष पूर्व महाराष्ट्र के एक छोटे से गांव में हुआ था। दीनू गन्ने के खेतों में श्रमिक के रूप में काम करता था। घर का गुज़ारा किसी तरह चल ही जाता था। धीरे-धीरे उसके चार बच्चे भी हो गए थे। रमिया, दीनू को समझाती थी…

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रैली

रैली “चलो, हटो… भागो इंहा से… खत्तम हुआ सब कुछ…. जगह खाली करो।” पुलिस वाले डंडे घुमाते हुए जगह खाली कराने की कोशिश कर रहे थे। “अरे.. साहब, कहाँ जाएं हमलोग, अभी बस आता होगा… खाली कर देंगे… इंहा जगह भी है अउर धूप भी लग रहा है…” वहां खड़े एक नौजवान ने कहा। ”…

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