पूर्ण स्वराज के प्रणेता
पूर्ण स्वराज के प्रणेता “मरण” और “स्मरण”- इन दो शब्दों में यों तो “स्” अक्षर का ही अंतर है, परन्तु, इस छोटे से शब्द को कमाने के लिए जीवनपर्यंत लोकहित और आदर्शवादी विचारधाराओं पर चलना पड़ता है,जिसके महत्वपूर्ण उदाहरण हैं, लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक।1अगस्त,2020 को उनके पुण्यतिथि की शताब्दी मनायी गयी।बहुआयामी प्रतिभा के धनी लोकमान्य…