मोटेराम जी शास्त्री
मोटेराम जी शास्त्री कौआ चला हँस की चाल, अपनी भी भूल गया, प्रस्तुत पंक्ति ही जैसे आधार है मुंशी प्रेमचंद जी की हास्य कथा पंड़ित मोटेराम जी शास्त्री का। बड़े ही सरल एवं सहज भाव से इस पूरी कहानी को आकार दिया है मुंशी जी ने। बहुत ही कम पात्रों के साथ इस कहानी का…