रोना मत 

रोना मत  सुबह-सुबह जाड़े की सुनहरी गुनगुनी धूप में रंजन जी अपने सफेद मुलायम शाल ओढ़े आराम कुर्सी पर बैठ चाय के आने का इंतजार कर रहे थे। मौसमी फूलों से पूरा बगीचा खिल रहा था। गमले करीने से सजे हुए थे। रंजन जी को बागवानी का बहुत शौक था, परन्तु नौकरी की वजह से…

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ऑनलाइन खाना

    ऑनलाइन खाना पिताजी के इस दुनिया से जाने के बाद माँ का आना-जाना लगा ही रहता था। प्रिया उनकी इकलौती संतान थी,पिताजी के जाने के बाद माँ एकदम अकेली पड़ गई थी।घर का कोना-कोना पिता जी के साथ बिताए मधुर पल की याद दिलाता रहता,जब माँ घर के अकेलेपन से डरने लगती तो…

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मैट्रिमोनियल

    मैट्रिमोनियल ‘ हैलो जी, मैं अरवी का पिता चेतक अरोरा। आपके बेटे की प्रोफाइल देखी है। आप मेरी बेटी की प्रोफाइल देखी लीजिए।’ ‘जी! अभी देखती हूं।’ सरुना तुरंत अरवी की प्रोफाइल देखने लगी। जिसमें लड़की का नाम, जन्म तारीख, जन्म समय, जन्म स्थान के साथ-साथ लड़की की ऊंचाई, रंग-रूप, प्राप्त शिक्षा और…

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लक्ष्मी 

    लक्ष्मी    बहुत प्यार करता था घनश्याम अपनी नई नवेली दुल्हन लक्ष्मी से और क्यों न करे, लक्ष्मी थी ही सर्वगुण – सम्पन्न। एक तरफ तो सास – ससुर का मान सम्मान रखती,मन भर सेवा करती तो दूसरी तरफ पूरे गांव में पहली मैट्रिक पास बहु थी ,पूरा गांव उसका आदर करता था।…

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” माँ बेटी – रिश्ता एक अनन्य शक्ति का  “

” माँ बेटी – रिश्ता एक अनन्य शक्ति का  “ ब्रिटेन के खूबसूरत पहाड़ी गांव में आज  प्राकृतिक रोष तो एक  जोरदार तूफान और बारिश के रूप में कहर ढा ही रहा था लेकिन राडु के घर में भी भूचाल और जलजले से कम वातावरण नहीं था। नन्ही बालिका जिया की जन्म से परिवार में…

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वो धुकधुक 

वो धुकधुक    “रात के दस बज गए, आज फैक्ट्री में कुछ ज्यादा ही देर हो गई!” घना सन्नाटा उसे दबोचकर जैसे उस पर हावी होना चाहता था मगर घबराती गरिमा स्ट्रीट लाइट की रोशनी की आड़ में अपनी चुन्नी से सिर ढक चेहरा छुपाती हुई बस स्टॉप की ओर जल्दी-जल्दी तेज कदमों से कभी…

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आउटहाउस

आउटहाउस शिव शंकर जी और मालती जी के बंगले का आउटहाउस कुछ दिनों से खाली पड़ा था। आउटहाउस में रहने की आकांक्षा में कई लोग आए पर सफल ना हो पाए।अंततः एक ऐसा परिवार आया जिस दंपति के चार बच्चे थे।बड़ी दो जुड़वां बेटियां और उसके बाद दो बेटे। सबसे छोटा वाला बेटा मात्र ढाई…

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निर्मला लौटेगी ज़रूर !

निर्मला लौटेगी ज़रूर ! हमारे शहर के इस हिस्से में यह तीन तल्ला,आलीशान पीली कोठी, वास्तुकला की अनुपम मिसाल है. जिसका,काले रंग का, ऊँचा सा भारी भरकम, कटाव-दार मुख्य दार है. लोहे की सर्पाकार सीढ़ियाँ, आबनूस की लकड़ी व रंगीन-सफेद काँच से बनी खिड़कियाँ-दरवाजे, ‘चायनीस-ग्रास’ से सजा कालीन-नुमा उद्यान,विलायती गुलाबों की क्यारियाँ, मुख्य द्वार पर…

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जल समाधि  

        जल समाधि   उस रात मैं दुखी मन से बिस्तर पर लेटी करवटें बदल रही थी | उस दिन गुलाबो चाची जी की तेरहवीं थी | सबके मुंह पर एक ही बात थी कि गुलाबो चाची बड़ी धर्मात्मा थीं | उन्हें अपनी मृत्यु का अहसास हो गया था, इसीलिए उन्होंने प्रातः चार…

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कंकालें पतवारों की

    कंकालें पतवारों की   हांफ रही थी वह….. पसीने से लथपथ…… सांसे तेज चल रही थी……… और कितनी गहरी खुदाई…..? इतनी रात इस मरघट में वह क्या ढूंढ रही थी ? .….. अचानक चीख पड़ी..…….यह क्या….?  यहीं तो मैंने उन पतवारों को दफनाया था । इतनी जल्दी कंकाल में कैसे बदल गये ?…

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