महात्मा गाँधी और उनकी प्रासंगिकता

  महात्मा गाँधी और उनकी प्रासंगिकता     परिचय.. मोहनदास करमचंद गाँधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को वर्तमान गुजरात राज्य के पोरबंदर जिले के मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम करमचंद गाँधी एवं उनकी माता का नाम पुतलीबाई था। वे अपने तीन भाईयों में सबसे छोटे थे।पिता ब्रिटिश राज में काठियावाड़…

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फ़ातिमा शेख़

    फ़ातिमा शेख़ स्त्रियों की शिक्षा, उनके अधिकार एवं दलितों के पुनरुत्थान के लिए कार्य करनेवाली एक मज़बूत कड़ी के रूप में दक्षिण भारत की प्रथम मुस्लिम महिला राष्ट्रमाता फ़ातिमा शेख़ को शायद आज इतिहास भुला चुका है, लेकिन दलितों-पिछड़ों और गरीबों के दिलों में वो युगों-युगों तक जीवित रहेंगी। फ़ातिमा शेख़ सावित्रीबाई फुले…

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विवेकानंद एक विचारक 

विवेकानंद एक विचारक  धर्म की गहराई को जानने के बाद उन्होंने विश्व में अध्यात्मिक क्रांति छेड़ दी। पश्चात जगत में सनातन धर्म वेदों तथा ज्ञान शास्त्र से विश्व को परिचित कराया। वर्षो से सनातन हिन्दू धर्म पर अनेकानेक आघात किये गए पर उसे समाप्त नहीं किया जा सका।क्योकि सनातन धर्म जीवन है । उन्होंने बताया…

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भजन

    भजन हर शाम की तरह इस शाम भी पार्क में काफी चहल-पहल थी ।पार्क के बीचोंबीच एक गोलाकार छज्जेदार चबूतरा सा बना था।प्रत्येक शुक्रवार को शाम छः से सात बजे तक वहां पर भजनों का कार्यक्रम चलता था। आस-पास रहने वाली औरतें जमा हो कर भजन गाती थीं । आज भी भजन चल…

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बीमारी

बीमारी सुप्रसिद्ध वरिष्ठ लेखिका ममता कालिया जी द्वारा लिखी कहानी ‘बीमारी’ रिश्तों के खोखलेपन को दर्शाती एक ऐसी रचना है जो सीधे सीधे पाठक के दिल को छूती है । ये कहानी है एक बीमार बहन की जो अपने भाई भाभी को रोग के कठिन समय में अपने पास बुलाती है एक बीमार बहन की…

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स्नेहमय व्यक्तित्व –ममता कालिया

स्नेहमय व्यक्तित्व –ममता कालिया ‘ममता कालिया, एक ऐसा नाम है जो हिंदी साहित्य लेखन में सर्व स्वीकृत है। उनका मुस्कुराता चेहरा और मिलनसारिता सभी को आकर्षित करती है। मेरे पिता हिंदी के साहित्यकार और आचार्य रहे हैं उपकुलपति भी। अतः उनके कारण ममता जी के लेखन और स्वभाव से परिचित रही। इनकी जोड़ी हिंदी साहित्य…

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मासिक धर्म को हीन दृष्टि से देखने वाले समाज में रोशनी के किरण बनते ये युवा

मासिक धर्म को हीन दृष्टि से देखने वाले समाज में रोशनी के किरण बनते ये युवा मासिक धर्म एक सामान्य प्रक्रिया है और प्रकृति की महिलाओं को देन है , महिलाओं को प्रकृति ने नव सृजन का जो वरदान दिया है वह मासिक धर्म के बग़ैर संभव नहीं है । परंतु उसी मासिक धर्म के…

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ममता कालिया- एक कवयित्री के रूप मे

ममता कालिया- एक कवयित्री के रूप मे ममता कालिया का नाम यूं तो गद्य लेखन में अधिक है परंतु उन्होंने अपनी रचनाएंं कविताओं से ही आरंभ की थीं। ममता कालिया की पद्य रचनाएं भी उनकी गद्य रचना के समान ही विशिष्ट हैं। पेश हैं वाणी प्रकाशन की किताब ‘पचास कविताएं’ में छपीं उनकी कविताओं में…

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ममता जी को नमन 

  ममता जी को नमन  ममता कालिया जी की कहानियाँ पढ़कर हम सब आप बड़े हुए।ममता जी ने साहित्य की समझ विरासत में पाई। अपने अतंस की तिजोरी से बड़ी ही सजगता व सरलता से जीवन की रफ्तार से कुछ मखमली, और हकीकत से जुड़े लम्हें एक कहानी के कथानक में गढ़कर पेश करती है।कई…

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ममता कालिया से सन्दीप तोमर की साहित्यिक चर्चा

ममता कालिया से सन्दीप तोमर की साहित्यिक चर्चा ममता कालिया हिंदी साहित्य की प्रमुख भारतीय लेखिका हैं। वे कहानी, नाटक, उपन्यास, निबंध, कविता जैसी अनेक साहित्यिक विधाओं में बराबर दखल रखती हैं। हिन्दी कहानी के परिदृश्य पर उनकी उपस्थिति सातवें दशक से निरन्तर बनी हुई है। लगभग आधी सदी के काल खण्ड में उन्होंने 200…

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