बंसती बाँसुरी
वनों बागों में प्रकृति की जादूगरी
पीली सरसों की डाली हरीभरी
विभिन्न रंग पुष्पों की लागे भली
तूलिका से रचना किसने है करी
पशु पंछी की थिरकन लागे भली
पवन संग सुगंध मदमताती परी
जनजन मे जगाये उमंग प्रकृति
विद्यादायिनी शारदे आशीष भरी
बासंती परिधान से दुनिया सजी
जीवनदायिनी प्रकृति फिर संवरी !
डॉ आशा गुप्ता श्रेया
जमशेदपुर, झारखंड