बदलाव बचाव के लिए
हर जगह कोरोना वायरस का ही नाम है। इसकी अभी कोई भी दवाई नहीं इजाद की गई है ।पहले भी वायरस हुआ करते थे। कुछ मजबूत वायरस जैसे कि चिकन पॉक्स और पोलियो की हुए हैं जिन्हें खत्म करने में सालों लग गए और उनकी वैक्सीनेशन तैयार हो पाई। इसी तरह कुछ हल्के कमजोर वायरस होते हैं जो कि सर्दी, जुखाम और बुखार के और दवाइयों से सही भी हो जाते हैं।
पर कोरोना वायरस एक ऐसी विश्व महामारी के रूप मे फैला है जो कि चीन के बुहान से शुरू होकर अब पूरे देश दुनिया की फैल गई है। कुछ देश नहीं भी वायरस के सक्रंमण मे आए क्योंकि वह छोटे थे और उनका आयात निर्यात का कोई व्यापार नहीं था ।
कोरोना की शुरुआत हमारे देश मे कम संख्या से हुई थी इसके अलावा भी बहुत सावधानियों से नियम पालन किए गए और और इसका एक ही उपाय समझ में आया है दूरियाँ, दूर ही रहे सबसे…।
..मास्क पहनो और जो सामान घर में लाएं आप उसे अच्छे से साबुन के पानी से, गर्म पानी से धोए। घर से बाहर नही जाए। बहुत सारे लोग को लापरवाही करते हुए देखे जाते हैं वह लोग ऐसे चले जाते हैं जैसे कुछ हुआ ही नहीं। देश के लिए कुछ ऐसा नियम निकलता तो यह लोग पता नहीं क्या करते !अब तो इनकी जिंदगी का सवाल है तब यह लोग मास्क लगाने से कतराते हैं और बेहिचक जा कर सामान खरीदते हैं। इसका असर खुद पर तो उनके होगा ही और बीस लोगों पर इसका असर हो सकता है।
यह कोरोना मनुष्यों के लिए अभिशाप, पर प्रकृति के लिए वरदान है । घर पर रहने से वातावरण मे बदलाव आया है ।पहले लोग सनातन धर्म का मजाक बनाते थे हाथ जोड़ना शान के खिलाफ समझते थें। अब वही देश में हो या विदेश में हाथ जोड़ कर अभिवादन कर रहें हैं।शाकाहारी नही बनना चाहते थे ,आज वो ही मांसाहार छोड रहे है।
प्रदूषण बहुत बढ गया था। गाडिय़ों का आना जाना कम हुआ तो प्रदूषण कम हुआ । नदियाँ प्राकृतिक रूप से साफ हो गयी क्योंकि मनुष्य ने गंदगी नही डाली । घर मे सामान केवल जरूरी ही आपको मिल पा रहा है ,जैसा कि पहले के लोग करा करते थे अब सबकी अपनी जीवनशैली में बदलाव आ गया है। पहले के लोग मुंह पर हमेशा गमछा रखा करते थे और घर के बाहर एक पानी से भरी बाल्टी होती थी । घर में आने से पहले हाथ, पैर धोकर ही घर के अंदर आया करते थे।बाहर की चपले बाहर ही उतारते थे और नंगे पैर ही घर में रहते थे । जिससे बैक्टीरिया वायरस घर मे नही आते थें। हल्दी ,अदरक ,मसाले प्रयोग करके आप प्रतिरोधक क्षमता बढा सकते हैं ।पहले सभी घरो मे मसाले उसी खाने के अनुसार डाले जाते थे। जीरा,हल्दी मेथी,अजवाइन, धनिया, हींग, काली मिर्च सभी पाचनक्रिया मे मददगार होते है जिससे बैक्टीरिया, वायरस से बचाव भी होता है। अब कोरोना वायरस के कारण भी सब लोग कर रहे हैं और क्योंकि सामान कम उपलब्ध है इसलिए सब घर में ही अपना शुद्ध खाना बना रहे और ना बर्गर ,पिज़्ज़ा बाजार से आ रहा है ना इस आइसक्रीम बाजार से आ रहीं हैं। ना होटल में लोग जा रहे हैं ।आदत पड़ जाने से बच्चे भी जिद्द नही कर रहें।सब बदल गया है और यह एक अच्छा बदलाव है और घर में रखे सामानों से ही मिठाईयां और घर के नाश्ते और खाने बनाए जा रहे हैं ,जो चीज हमारे शरीर को हानिकारक थी वह हमें मिल ही नहीं रही और हम उन्हें खा भी नहीं रहे हैं ।शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढिया हो जाएगी, शुद्धता से खाना खा रहे हैं और प्राकृतिक चीजों का प्रयोग कर रहे है।आर्युवैदिक अपना रहे हैं।योग ,प्राणायाम कर रहे है। गंदगी नही फैला रहे नही तो सडकों पर, नदियों मे ,समुद्र मे ,जंगल सभी को मनुष्यों ने प्रदूषित कर दिया था।
यह बदलाव सब के लिए सकारात्मकता से भरी हैं जो हमें भविष्य में भी अपनानी होगी।पृथ्वी आगे भी बनी रहे ,हमे ये शैली अपनानी होगी।जिंदगी से बढकर कुछ भी नही , ना पैसा, ना घर । अपने और परिवार के जीवन के लिए जीवन शैली मे परिवर्तन लाना जरूरी है । अपनी प्रतिरोधक क्षमता बढाए और बीमारियों से अपने को दूर रखें ।
अंशु शर्मा
साहित्यकार