आवाज

आवाज

राधिका ने एक बार फिर घड़ी देखी। बार-बार घड़ी देखने से समय नहीं बदल जाता। इस फैक्टरी में काम करते हुए चार साल हो गए हैं उसे। यहाँ शर्ट बनते हैं और उसका काम है कॉलर लगाना। जब शुरू में आई थी तब केवल कपड़ों के ढेर को ठीक करती थी। फिर धीरे-धीरे काम सीखने लगी और अब सिलाई कर लेती है। उसका हाथ का काम साफ है, ये मैनेजर बताता रहता है। उस की आँखें कभी-कभी कुछ और भी संदेश देती रहती हैं। उन आँखों को पहँचानती है राधिका। लेकिन उसे वह टाल देती है। चुप रहना गलत लगता है, पर हिम्मत नहीं है।

बाप के मरने के बाद वही माँ की लाठी भी थी, बेटा भी और सहारा भी। बेटी का नम्बर तो आया ही नही। भला बेटी को कोई पूछता है ? फैक्टरी जाते हुए भी नही बता पाई कि उसे बाहर जाते हुए थोड़ा डर लगता है। वो बेटी नहीं, बेटा थी न। राधिका चुप रहती थी क्यों मुझे वैसे नहीं समझती माँ, जैसी मैं हूँ। कोई जरूरी है मुझे बेटा बनाना ?

आज वो जल्दी आ गई थी। घर में कितना काम पड़ा था। सोनू को कोई कुछ नहीं कहता। घर कभी आता है, कभी नहीं। कुदरत के बनाए भेदभाव को हवा देती है माँ। हर शिकायत उसे राधिका से थी, सोनू से नहीं। वो बाहर समय बिताती है, वो खाना नहीं बनाती है, वो अपने पहनावे पर इतराती है। राधिका ने सुनकर अनसुनी करने की आदत डाल ली है। माँ भी कभी औरत रही होगी। लेकिन अब शायद माँ बनकर ही रह गई है।

सोनू को अपने पर्स से पैसे निकालते कई बार देखा है। लेकिन आज हद हो गई। दशहरे पर नई साड़ी खरीदूँगी, सोचकर पैसे बचाकर साड़ियों के तह में रखी थी। रोज गिनती भी रहती थी। गलती होने का सवाल नहीं था। पैसे कम लगे उस दिन। हड़बड़ी में गलत गिना होगा। फिर तीन दिन बाद और कम लगे। लेकिन राधिका बोलना चाहकर भी चुप रही। शायद ये गलत था। लेकिन घर में महाभारत छेड़नी भी तो बहुत आरामदायक नहीं होता।

“क्या हुआ जो उसने कुछ पैसे ले लिए” माँ का यह कहना उसे अंदर तक छेद गया। ‘कब तक उसको बचाती रहोगी, माँ ?’

‘तुमने मैरे पैसे लिए’ ? हिम्मत करके सोनू से पूछा उसने। सोनू बिल्कुल सामने आकर खड़ा हो गया। ‘तो ? हाँ लिए’। ‘पूछकर लेना था, नही तो चोरी होगी।’ अचानक कहे हुए अपने शब्दों पर राधिका को आश्चर्य हुआ। सोनू भी हड़बड़ा गया। राधिका को अच्छा लगा। शायद उसे पहले ही आवाज उठानी चाहिए थी। सोनू उसकी आवाज से घबराकर बाहर चला गया था। राधिका ने अपना सिर ऊँचा किया और घर के बाहर निकल गई, उसे अब कोई नहीं रोक सकता है।

डॉ. अमिता प्रसाद
कर्नाटक,भारत

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