शुभकामना संदेश

शुभकामना संदेश 

जनवरी २०२०, आज से तीन वर्ष पूर्व गृहस्वामिनी परिवार ने अर्पणा संत जी के नेतृत्व में एक छोटा सा बीज डाला था। भयंकर कोविद महामारी अपनी चरम सीमा पर थी | पूरे विश्व में तबाही छाई थी | भारत भी अछूता न था | हर परिवार से कोई न कोई प्रियजन इस से पीड़ित था | ऐसे घने अन्धकार में जब कोई किसी से मिल भी नहीं पता था, अर्पणा ने गृहस्वामिनी इंटरनेशनल पत्रिका की डिजिटल रूप में स्थापना की | एक स्थानीय पत्रिका, जो अबतक केवल हिंदी में थी और भारत में लोकप्रिय हो रही थी, को अन्तर्राष्ट्रीय छवि दी | हिंदी के साथ इसे अब इंग्लिश में भी छापा जाने लगा |

रफ्ता रफ्ता, यह बीज पनप कर एक लहलहाता पौधा बन गया है | प्रवासी भारतीयों के अतिरिक्त बहुत से विदेशी साहित्यकार भी इस मंच से जुड़े हैं | हमारी मनोकामना है कि यह गृहस्वामिनी इंटरनेशनल डिजिटल मैगज़ीन के अवतार में बढ़ता पौधा दिनों दिन और उन्नति करे, एक बड़ा सा वृक्ष बन जाये जहाँ देश विदेश के साहित्यप्रेमी अपनी रचनाएँ साझा कर सकें | यह फले और फूले और बीज बने और, और पौधे जन्म लें |

इन्ही शुभ कामनाओं के साथ मैं समस्त गृहस्वामिनी परिवार को और विशेषकर अर्पणा संत सिंह को हम सबकी प्रिय इस पत्रिका के तीसरे जन्म माह की बहुत बहुत बधाई देती हूँ |

नीरजा राजकुमार 

आई. ए. एस. (सेवा निवृत्त)

भूतपूर्व मुख्य सचिव कर्नाटक

 

 

 

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