भजन

 

 

भजन

हर शाम की तरह इस शाम भी पार्क में काफी चहल-पहल थी ।पार्क के बीचोंबीच एक गोलाकार छज्जेदार चबूतरा सा बना था।प्रत्येक शुक्रवार को शाम छः से सात बजे तक वहां पर भजनों का कार्यक्रम चलता था। आस-पास रहने वाली औरतें जमा हो कर भजन गाती थीं । आज भी भजन चल रहे थे ।

पहली स्त्री-‘वो देखो वो दौड़ रही है मिसेज़ वर्मा की बहू, सुना है वर्किंग है…हुँह। नकचढ़ी होगी, पैसे और रुतबे का गरूर अलग होगा। घर का काम तो क्या ही सीख कर आयी होगी अपने घर से -पढ़ीलिखी वर्किंग वुमन जो है…। खाना बनाने की कुक अलग रखी है मैडम ने ।…और तुमने कपडे देखें हैं उसके ? राम राम। लगता है ऐसे कपड़ों से ही इतनी तरक्की मिली है’ -और वह मुँह पर हाथ रख कर हंसने लगी।

दूसरी स्त्री-‘सही कहती हो बहन जी, और ऐसी औरतें क्या तो बच्चे जनेंगी? एक से ज़्यादा करने से तो इनका फिगर मटियामेट हो जाएगा। और कौन सा खुद पाल लेंगीं ?’ ‘नैनी’ रखेंगी उसके लिए भी। डिब्बे का दूध होगा ।

पहली स्त्री- हाँ और मैंने तो सुना है कि आजकल तो मां का दूध निकाल कर रखने की भी मशीन आ रखी है’- और उसने मुँह पर फिर से हाथ रख लिया और हंसने लगी।

तभी भजन की प्राण पंक्ति शुरू हुई जिस से सबका स्वर खूब ऊंचा हो चला ।

दोनों स्त्रियाँ थोड़ा झेंप-सी गयी और भजन की शब्दावली से जुड़ने की कोशिश करने लगीं -‘ प्रभो भक्ति में रम जा …… ‘।

तभी दूसरी स्त्री ने इशारे से दिखाया -‘ और देखो वह जो बेडौली-सी चल रही है, पांच नंबर में रहती है। निठल्ली सी हाउसवाइफ है। न कपडे पहनने का शऊर न चलने का- पता नहीं माँ ने कुछ सीखा के भेजा है या नहीं। किटी पार्टी में जाती है, शॉपिंग का भूत तो अलग ही है, पति बेचारा कोल्हू के बैल की तरह काम करे और खुद मेमसाब हर समय पैसे उड़ाए । भगवान् बचाये ऐसी औरतों से। एक बच्चा होते ही शरीर फ़ैल गया, देखो कैसी मुटिया गयी है। हमने तो पांच-पांच जन लिए पर मज़ाल है जो चमड़ी पर मांस बढ़ा हो ।’

पहली स्त्री- ‘अरे आप भी किसकी तुलना हमसे करती हो,हम कभी काम को रोती न थीं। वैसे ये ज़्यादा पढ़ी लिखी न लगे है,होती तो शायद सलीका आ जाता ।’

खैर हमें क्या… इनकी ज़िन्दगी ये जानें..हमें क्या करना.. हमारी तो अब जाती के बाजे हैं ।

कह कर दोनों स्त्रियां पल्ला झाड़ती हुई उठ खड़ी हुई ।उनके आज के भजन समाप्त हो गए थे।

अनु बाफना

दुबई, यू.ए.ई.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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