हिन्दी
हिन्द के हिन्दोस्तां की
बेटी है.हिन्दी।
भारत के ललाट की शोभा
बिन्दी है हिन्दी।
देवभाषा संस्कृत की पुत्री
बनकर उपजी हिन्दी।
सभी भाषाओं की अग्रजा
बनकर आई है हिन्दी।
सभी बोलियाँ संग साथ ले
हिल मिल संग चले ।
अपने और परायों बीच
संवाद बनी हिन्दी।
भाषा जोड़ रही है सबको
एक छत्र के नीचे।
एक राष्ट्र की परिभाषा बन
चुनी एकजब भाषा।
लेकर संग सभी भाषा तब
हिन्दी बनी राष्ट्र भाषा।
अब तो सभी देश में फैली
हिन्द की हिन्दी बोलो।
अपना परचम फहरायेगी
विश्व गुरू के पद पर।
माना कि देर हुई है फिरभी
नही होगा अंधेर कभी।
धैर्य और संयम की जग में
जीत सदा ही होती है।
करें प्रतीक्षा हमउस पल की
सम्मानित हिन्दी होगी।
उषा सक्सेना
मध्य प्रदेश,भारत