हिंदी पर ग़ज़ल

हिंदी पर ग़ज़ल

वतन की आन है हिन्दी , वतन की शान है हिन्दी
वतन की आत्मा हिन्दी, वतन की जान है हिन्दी ॥

सरल है व्याकरण इसका ,सरल है लिखने पढ़ने में
करें हम काम हिन्दी में,बहुत आसान है हिन्दी ॥

विलक्षण सभ्यता साहित्य का दर्शन कराती है
ज़मानेभर में भारत देश की,पहचान है हिन्दी ॥

जगा कर चेतना उर में,कुशल व्यवहार सिखलाती
कलमकारों की श्रद्धा है, धरम ईमान है हिन्दी॥

कहीं तुलसी की चौपाई , कहीं मीरा के भजनों में
कहीं कान्हा के मुरली की, सुरीली तान है हिंदी॥


अजय अज्ञात
भारत

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