महात्मा गांधीजी के महत्वपूर्ण विचार

महात्मा गांधीजी के महत्वपूर्ण विचार

सर्वप्रथम महात्मा गांधी जी के संबंध में जानकारी ;मोहनदास करमचन्द गांधी (२ अक्टूबर १८६९ – ३० जनवरी १९४८) भारत एवं भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रमुख राजनैतिक एवं आध्यात्मिक नेता थे। वे सत्याग्रह (व्यापक सविनय अवज्ञा) के माध्यम से अत्याचार के प्रतिकार के अग्रणी नेता थे, उनकी इस अवधारणा की नींव सम्पूर्ण अहिंसा के सिद्धान्त पर रखी गयी थी जिसने भारत को आजादी दिलाकर पूरी दुनिया में जनता के नागरिक अधिकारों एवं स्वतन्त्रता के प्रति आन्दोलन के लिये प्रेरित किया। उन्हें दुनिया में आम जनता महात्मा गांधी के नाम से जानती है।

संस्कृत भाषा में महात्मा अथवा महान आत्मा एक सम्मान सूचक शब्द है। गांधी को महात्मा के नाम से सबसे पहले १९१५ में राजवैद्य जीवराम कालिदास ने संबोधित किया था।

[1] उन्हें बापू (गुजराती भाषा में બાપુ बापू यानी पिता) के नाम से भी याद किया जाता है। सुभाष चन्द्र बोस ने ६ जुलाई १९४४ को रंगून रेडियो से गांधी जी के नाम जारी प्रसारण में उन्हें राष्ट्रपिता कहकर सम्बोधित करते हुए आज़ाद हिन्द फौज़ के सैनिकों के लिये उनका आशीर्वाद और शुभकामनाएँ माँगीं थीं।

[2] प्रति वर्ष २ अक्टूबर को उनका जन्म दिन भारत में गांधी जयंती के रूप में और पूरे विश्व में अन्तर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के नाम से मनाया जाता है।
मेरा यह मानना है कि आजकल के बच्चों एवं युवा पीढ़ी को महात्मा गांधी जी की ऐसी अमूल्य बात उनके माता-पिता द्वारा बताने की जरूरत है जिससे वर्तमान में भारत को सर्वांगीण विकास हेतु सहायता मिलेगी क्योंकि भविष्य में राष्ट्र की बागडोर इन युवाओं को ही सम्भालना है । महात्मा गांधी को देश का राष्ट्रपिता भी कहा जाता है। अपने अहिंसात्मक आन्दोलन से उन्होंने देश के बहुत से लोगो को प्रेरित किया था। और साथ ही ब्रिटिश राज से भारत को मुक्त भी किया था।गांधीजी को सत्य और सरलता की मूर्ति माना जाता है।गांधीजी की जीवनी, माय एक्सपेरिमेंट विथ ट्रुथ में उन्होंने बचपन से लेकर अपने सारे पहलुओं को पूरी सच्चाई के साथ बताया हैं। महात्मा गांधी का पूरा जीवन ही हमारे लिये सबसे बड़ी प्रेरणा है। आज भी उनके जीवन की कहानियाँ पढ़कर दुनिया में लाखों लोग प्रेरित होते हैं। यहाँ निचे पांच मुख्य बाते दी गयी है जो हमें महात्मा गांधी से सीखनी चाहिये।पांच प्रमुख बातें जो महात्मा गांधी से सीखनी चाहिये –

1. कभी हार न मानो और लगातार प्रयास करते रहो।महात्मा गांधी ने कभी हार नही मानी, अपने जीवन में वे कई बार जेल गये लेकिन उन्होंने देश की आज़ादी के लिये संघर्ष करना कभी नही छोड़ा। उन्ही की तरह हमें भी अपने लक्ष्य को पाने के लिये लगातार संघर्ष करते रहना चाहिये।क्योंकि जब तक हम सफलता पाने के लिये संघर्ष नही करेंगे तब तक हमें सफलता मिलेगी ही नही। और संघर्ष करते रहने से ही हम अपने सपनों को साकार कर सकते हैं और सफलता हासिल कर सकते है।

2. लक्ष्य का रास्ता भी लक्ष्य जैसा सुन्दर होता है।महात्मा गांधी एक मजबूत चरित्र वाले आदमी थे। वह भारत की आज़ादी के लिये ऐसी कोई भी विधि नही अपनाना चाहते थे जिनसे उनकी अंतरआत्मा को ठेस पहुंचे। इसीलिए उन्होंने भारत को आज़ाद करवाने के लिये हिंसा का सहारा न लेते हुए अहिंसा का सहारा लिया था।हमें भी उसी तरह अपने लक्ष्य को पाने के लिए एक नैतिक मार्ग का सहारा लेना चाहिये। तभी हम अपने लक्ष्य को हासिल कर पायेंगे।

3. शांति आपको अपने अंदर से ही मिलती है, बाहरी वातावरण से नही।क्या हम वास्तव में खुद के अंदर शांति को तलाशने की कोशिश करते है? ज्यादातर लोगों का जवाब होगा, ;नहीं क्योंकि असल में हम अपनी पूरी जिंदगी शांति को बाहर तलाशते रहते हैं।जैसे की हम जिंदगी में पहली बार किसी से मिलते है तो हम उनके विचारो को इतनी गंभीरता से ले लेते है जिससे हमारा अपने उपर से विश्वास हट जाता है और हम अपने आपको दूसरो की नजरों से देखने लग जाते हैं। लेकिन असल में हमें बाहरी आवाजों को अनसुना कर के अपनी अंतरआत्मा की आवाज़ को सुनना चाहिये।

4. माफ़ करना मजबूत लोगों की निशानी है ना की कमजोर लोगों की।माफ़ करना बहुत कठिन होता है। वह आदमी जो माफ़ करके जिंदगी में आगे बढ़ता जाता है वही महान है। हमें दूसरो की गलतियों को माफ़ कर देना चाहिए ताकि हम जीवन शांति से व्यतीत कर सके।माफ़ करना मजबूत लोगो की ही निशानी है ना की कमजोर लोगो की। यदि हम लोगो की गलतियों को माफ़ नही करते तो हम हमारे चारों और अशांति का वातावरण निर्माण करते है। और ऐसा करने से हमेशा के लिये हमारा जीवन परेशानियों में अटका रहेंगा। इसीलिए हमें लोगो की गलतियों को माफ़ कर देना चाहिये।

5. अगर आप बदलाव देखना चाहते है तो पहले अपनेआप को बदलिए।उक्त के अतिरिक्त ये हैं महात्‍मा गांधी के प्रेरक व‍िचार, ज‍िन्‍हें अपनाकर आप भी बन सकते हैं, अच्‍छे इंसान राष्‍ट्रप‍िता महात्‍मा गांधी के लिए परोपकार से बढ़कर कोई सेवा नहीं थी और मानवता से बड़ा कोई धर्म नहीं था।जनवरी 30, 1948 को महात्‍मा गांधी की पुण्‍यत‍िथ‍ि को शहीद द‍िवस के रूप में मनाया जाता है ।30 जनवरी 1948 को गोली मारकर महात्‍मा गांधी की हत्‍या कर दी गई थी ,गांधी जी पूरी जिंदगी अहिंसा और सत्‍य के मार्ग पर चलते रहें। महात्‍मा गांधी के व‍िचार युगों-युगों तक लोगों को प्रेरणा देते रहेंगी ।
जब गांधी जी को गोली मारी गई तब उनके मुख से निकलने वाले आख‍िरी शब्‍द थे ‘हे राम’। भारत में उनकी पुण्‍यतिथ‍ि को शहीद द‍िवस के रूप में मनाया जाता है।आजीवन अहिंसा और सत्‍य के मार्ग पर चलने वाले बापू ने संपूर्ण मानवत जाति को न सिर्फ मानवता का पाठ पढ़ाया बल्‍कि जिंदगी जीने का सही तरीका भी स‍िखाया।गांधी जी के लिए परोपकार से बढ़कर कोई सेवा नहीं थी और मानवता से बड़ा कोई धर्म नहीं था। बापू भले ही आज हमारे बीच जीवित न हों, लेकिन अपने विचारों के जरिए वो हमेशा जीवित रहेंगे। महात्‍मा गांधी की पुण्‍यत‍िथ‍ि के मौके पर जानिए उनके 21 ऐसे व‍िचार जो आज भी प्रेरणा का स्रोत हैं:जब महात्मा गांधी ने ली थी आखिरी सांस, जानिए 30 जनवरी का इतिहास- तब बापू की जिंदगी के वो आखिरी दिन…

1. विश्वास को हमेशा तर्क से तौलना चाहिए। जब विश्वास अंधा हो जाता है तो मर जाता है।
2. जब तक गलती करने की स्वतंत्रता ना हो तब तक स्वतंत्रता का कोई अर्थ नहीं है।
3. पूर्ण धारणा के साथ बोला गया ‘नहीं’ सिर्फ दूसरों को खुश करने या समस्या से छुटकारा पाने के लिए बोले गए ‘हां’ से बेहतर है।
4. कोई त्रुटी तर्क-वितर्क करने से सत्य नहीं बन सकती और ना ही कोई सत्य इसलिए त्रुटी नहीं बन सकता है क्योंकि कोई उसे देख नहीं रहा।
5. अपनी गलती को स्वीकारना झाड़ू लगाने के समान है जो सतह को चमकदार और साफ कर देता है
6. ऐसे जियो जैसे कि तुम कल मरने वाले हो।ऐसे सीखो की तुम हमेशा के लिए जीने वाले हो।
7. मैं किसी को भी अपने गंदे पांव के साथ मेरे मन से नहीं गुजरने दूंगा।
8. आदमी अक्सर वो बन जाता है जो वो होने में यकीन करता है।अगर मैं खुद से यह कहता रहूं कि मैं फलां चीज नहीं कर सकता, तो यह संभव है कि मैं शायद सचमुच वो करने में असमर्थ हो जाऊं, इसके विपरीत, अगर मैं यह यकीन करूं कि मैं ये कर सकता हूं, तो मैं निश्चित रूप से उसे करने की क्षमता पा लूंगा, भले ही शुरू में मेरे पास वो क्षमता ना रही हो।
9. आप मानवता में विश्वास मत खोइए। मानवता सागर की तरह है; अगर सागर की कुछ बूंदें गंदी हैं, तो सागर गंदा नहीं हो जाता।
10. दुनिया में ऐसे लोग हैं जो इतने भूखे हैं कि भगवान उन्हें किसी और रूप में नहीं दिख सकता सिवाए रोटी के रूप में।
11. ये कर्म है, ना कि कर्म का फल जो महत्वपूर्ण है. आपको सही चीज करनी है. हो सकता है ये आपके बस में ना हो कि कोई फल मिलेगा।लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि आप सही चीज करना छोड़ दें।
12. एक सभ्य घर के बराबर कोई विद्यालय नहीं है और एक भले अभिभावक जैसा कोई शिक्षक नहीं है।
13. मैं उसे धार्मिक कहता हूं जो दूसरों का दर्द समझता है।
14. केवल प्रसन्नता ही एकमात्र इत्र है, जिसे आप दूसरो पर छिड़कें तो उसकी कुछ बूंदे अवश्य ही आप पर भी पड़ती हैं।
15. यद्यपि आप अल्पमत में हों, पर सच तो सच है।
16. जब मैं निराश होता हूं, मैं याद कर लेता हूं कि समस्त इतिहास के दौरान सत्य और प्रेम के मार्ग की ही हमेशा विजय होती है। कितने ही तानाशाह और हत्यारे हुए हैं और कुछ समय के लिए वो अजेय लग सकते हैं, लेकिन अंत में उनका पतन होता है।इसके बारे में सोचो हमेशा।
17. मेरी अनुमति के बिना कोई भी मुझे ठेस नहीं पहुंचा सकता।
18. हंसी मन की गांठें बड़ी आसानी से खोल देती है।
19. आप तब तक यह नहीं समझ पाते कि आपके लिए कौन महत्त्वपूर्ण है जब तक आप उन्हें वास्तव में खो नहीं देते।
20. किसी चीज में यकीन करना और उसे ना जीना बेईमानी है।
21. पृथ्वी सभी मनुष्यों की जरूरत पूरी करने के लिए पर्याप्त संसाधन प्रदान करती है, लेकिन लालच पूरा करने के लिए नहीं ।
महात्मा गांधी विश्व के उन नेताओं में से एक हैं जिनसे हर कोई बहुत कुछ सीख सकता है।उनकी कही हुई बातें लोगों को सही और सफल राहों पर ले जाती है। मौजूदा समय में खास कर के विद्यार्थियों और युवा पीढी को उनकी कही बातों को जानने की जरूरत है।उनकी बातों से उन्हें जिंदगी में कुछ अच्छा करने और बनने की प्रेरणा मिलेगी एवं साथ ही एक लक्ष्य हासिल करने हेतु आवश्यक साधन के रूप में अवश्य ही सहायक साबित होंगे ।जानिए महात्मा गांधी के ऐसे अनमोल विचार जो आपके लिए सफलता सूत्र साबित होंगे।
1. जो समय बचाते हैं, वे धन बचाते हैं और बचाया हुआ धन, कमाए हुए धन के बराबर होता है।
2. अपनी गलती को स्वीकारना झाड़ू लगाने के सामान है जो धरातल की सतह को चमकदार और साफ कर देती है।
3. अक्लमंद काम करने से पहले सोचता है और मूर्ख काम करने के बाद।
4. किसी भी काम को या तो प्रेम से करें या उसे कभी करें ही नहीं।
5. काम की अधिकता ही नहीं, अनियमितता भी आदमी को मार डालती है।
6. भूल करने में पाप तो है ही, परन्तु उसे छुपाने में उससे भी बड़ा पाप है।
7. जब तक गलती करने की स्वतंत्रता ना हो तब तक स्वतंत्रता का कोई अर्थ नहीं है।
8. लम्बे-लम्बे भाषणों से कहीं अधिक मूल्यवान है इंच भर कदम बढ़ाना।
9. आप प्रत्येक दिन अपने भविष्य की तैयारी करते हैं।
10. पुस्तकों का मूल्य रत्नों से भी अधिक है, क्योंकि पुस्तकें अन्तःकरण को उज्ज्वल करती हैं।
11. यदि मनुष्य सीखना चाहे, तो उसकी हर भूल उसे कुछ शिक्षा दे सकती है।
12. जिंदगी का हर दिन ऐसे जीना चाहिए जैसे कि यह तुम्हारे जीवन का आखिरी दिन होने वाला है।
13. किसी भी लक्ष्य तक पहुंचने का प्रयास गौरवशाली होता है न कि उस तक पहुंचना।
14. कोई भी तुम्हारी मर्जी के बिना तुम्हें चोट नहीं पहुंचा सकता है।
15. आपको खुद में ऐसे बदलाव करने चाहिए जैसा आप दुनिया के बारे में सोचते हैं. . वर्तमान में हमारे माननीय प्रधानमंत्री जी ने महात्मा गांधी जी से ही मिली स्वच्छता की सीख से ही प्रेरणा लेते हुए पूर्ण भारत वर्ष में स्वच्छता अभियान शुरू किया है और जो जोर शोर से सफलता प्राप्त करते हुए प्रगतिशील मार्ग पर अग्रसर है ,जिसका हमें अभिमान है । गांधी जी की ये बहुत ही उपयोगी सीख थी , हमें रहना है जहां फिर रही स्वयं सफाई करने को सोचना कहां । हम जहां भी रहे स्वच्छता के साथ रहे ,स्वच्छ भारत बनाए उन्नत भारत इसी नारे को याद करते हुए पूर्ण लग्न से हर व्यक्ति अपने जीवन प्रत्येक कार्य करें न सफलता के मार्ग में कोई बाधा आ ही नहीं सकती ।गांधीजी ने कहा था की हम अपने वांछित गुणों को दूसरो में देखने की कोशिश करते है। असल में हम सभी अंदर से बहुत सुन्दर और अद्भुत है। जितनी हम दूसरो की मदद करेंगे जवाब में वे भी हमें उतनी ही मदद करेंगे।हमें सभी से प्यार और दया की भावना रखनी चाहिये। ऐसा करने से ही हमारे जीवन में अद्भुत बदलाव आयेंगा। यदि हमें दुनिया में प्यार और दया देखनी है तो पहले हमें अपने आप को प्यार और दया से भरना होगा।ेमहात्मा गांधी एक ऐसा नाम है जिसे भारत ही नही बल्कि पूरी दुनिया में कोई परिचय की जरुरत नही है। महात्मा गाँधी सत्य और अहिंसा के पुजारी थे जिन्होंने बिना शस्त्र उठाये अंग्रेजो को झुका दिया और भारत को आज़ादी दिलवाई।ऐसे सत्य और अहिंसा के पुजारी को निचे दी हुई पंक्तियों से हम सदा नमन करते है। –दे दी हमें आज़ादी तूने खडग बिना ढाल, साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल।जय हिन्द, जय भारत !! इतना लिख कर मैं यहां अपना लेख को अंतिम रूप देने में हुए गृहस्वमिनी की टीम के सभी सदस्यों को धन्यवाद प्रस्तुत करती हूं कि 2 अक्टूबर 2021 को महात्मा गांधी जी का जन्म दिवस समीप ही है” जो उन विषयों पर सभी को लिखने हेतु प्रेरित करते हुए उत्साहवर्धन करते हैं ।

आरती अयाचित
भोपाल,भारत

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