बाल गणपति
निरखत मैया हांसे अति
लो आया मेरा बाल गणपति ।।
झमक झमक झम – घुंघरू बाजे
धमक धमक धम- ढ़ोलक साजे
ध्रातिट ध्रातिट -पग चालन गति
लो आया मेरा बाल गणपति ।।
थुलथुल दुलदुल – चित्त का चोर
मृदुल छवि- छाये चहुँ ओर
चिहुंक चिहुंक – नटखट वो कति
लो आया मेरा बाल गणपति ।।
उदर विचरते चराचर
तीक्ष्ण दृष्टि सृष्टि पर
प्रणव स्वयं है महामति
लो आया मेरा बाल गणपति ।।
सरल प्रफुल्लित आशुतोष
सायुज नष्ट करे सब दोष
नादप्रतिष्ठित भुवनपति
लो आया मेरा बाल गणपति ।।
मंजुल पटु चतुर सुजान
दिव्य तेजोमयी शुचि विवान
बलिहारी ‘ रचना ‘ मोदक रति
लो आया मेरा बाल गणपति ।।
रचना सरन
कोलकाता, भारत