एक पत्र

एक पत्र

प्यारे पापा

वैसे तो हर दिन आप मुझे याद आते हो सारे दिन आपके है ऐसा कौन सा दिन है जो आप याद नही आते ।
आज भी आपकी बड़ी- बड़ी , भरी -भरी आँखे मुझे देखती नजर आती है ।आज भी आप मेरे साथ हो ।आपकी आवाज़ आज भी कानों में गूंजती महसूस होती है।
पता है क्योंकि आप इस दुनिया के सबसे अच्छे पापा हो ।
माना कि इस दुनिया से गये हुऐ आपकों पन्द्रह साल हो गयें पर आप आज भी जिंदा हो मुझमें मेरे संस्कारों में और मेरे भाई के रूप में आप जिन्दा हो ।मेरी छोटी बहन में आप हो ।माँ भी चली गई आपके ही पास…..पर
मेरे बेटे -बेटी में जो आज भी आपका प्यार याद करते है ।आप हमेशा जिन्दा रहेंगे हमारी यादों में हमारे हर कर्मों में जो आपने हमें सिखायें।
आप ने साधु सा सादा जीवन जिया ।आपने हम बच्चों को अपनी दौलत माना ।मै नमन करती हूँ आपकों आप अमर है हमारे लियें।
तारों को देखती हूँ तो आपकों याद कर लेती हूँ ।आप जहाँ भी रहना खुश रहना पापा…।
आपकी प्यारी बेटी
अपर्णा

अपर्णा गुप्ता
लखनऊ

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