एक सख्त खलनायक
धूप में बहते अपने
पसीने, कठोर परिश्रम और पीड़ा के लिए
वह देखना चाहता था
उसकी आँखों में प्रेम, आर्द्रता और करुणा
परन्तु वह देखता था
रूखापन, कठोर अनुशासन और धैर्य
क्योंकि पिता जानता है कि दुनिया
निर्मम, निर्मोही और निष्ठुर हैं
बच्चों के लिए जरूरी है
माँ की छाया में रहते हुए, पिता की धूप में जलना
डॉ फतह सिंह भाटी
राजस्थान, भारत