आशा

आशा

जीवन में अंधकार हो
चहूँ और अविकार हो
तुम आशा का दामन थामे रखना

बिजली कड़कड़ाये या मेघ गरजें
सूरज की हो तपिश या आस्माँ बरसे
तुम आशा का दामन थामे रखना

हर तरफ़ चीत्कार का है मंज़र
इंसान क़ैद में कैसा है ये क़हर
तुम आशा का दामन थामे रखना

ऑक्सीजन का कालाबाज़ार
दवा के नाम पर बिकता ज़हर
तुम आशा का दामन थामे रखना

कोई क़ीमतें बढ़ा लूट रहा
कोई लंगर की सेवा दे रहा
तुम आशा का दामन थामे रखना

किसी के रोके रुकता नहीं अंधकार
रवि उदय होगा जग में भरने उजियार
तुम आशा का दामन थामे रखना

वैक्सीन लगवाना –मास्क पहनना
हाथ धोना ,सामाजिक दूरी भी अपनाना
तुम आशा का दामन थामे रखना

तेरे ही किये का है परिणाम
जिसका अब तुझे ही करना है भुगतान
तुम आशा का दामन थामे रखना

आकाश का धुआँ छँट जायेगा
महामारी का क़हर हट जायेगा
तुम आशा का दामन थामे रखना

तुम प्रार्थना की डोर थामे रखना
निराशा का अंधकार मिट जायेगा
तुम आशा का दामन थामे रखना
तुम आशा का दामन थामे रखना

मोनिका कटारिया ‘मीनू’
पंचकुला ,हरियाणा

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