माँ मेरी अनमोल

माँ मेरी अनमोल

माँ तू अनमोल है,
जीवनदायिनी है ।

तूने मुझे अपने प्रेम से,
अपने संस्कारों से,
अपने ज्ञान से ,
अपनी ममता से सीचा ।

धरती पर गर्व से चलना तूने सिखाया,
गुरु बनकर पहला ज्ञान तूने दिया ।

ईश्वर की तरह आखिरी सांसों तक
हाथ मेरा थामे रखा,
इतनी गहरी तेरी ममता ।

मेरे जीवन में तुझसा
कोई अनमोल नही ।

तेरे बिन मैं अधूरी,
तू है तो मैं हूं,
तेरा ही एक प्रतिरूप
तुझे कोटि-कोटि प्रणाम माँ।


सारिका सिंह,
समाजसेविका
जमशेदपुर, झारखंड

0
0 0 votes
Article Rating
687 Comments
Inline Feedbacks
View all comments