मातृ दिवस

मातृ दिवस

मां तो मां ही होती है, हर मां की अपनी अलग पहचान अलग कहानी होती है।
शायद पहले कभी ये न समझ पाए कि ये भी कोई खास चीज कहलाती है।
क्योंकि हर सांस में शायद वो बसती थी,आज भी मेरे हर कोने में उसकी ही छवि मेरे अंदर दिखती है।
और अब मेरी बेटी में अपनी परछाई देखा करती हूँ जब वो अपनी बेटी को गले लगाया करती है।
यदि मां से मैंने कोई खास गुण चुराया ,तो गर्व है बिटिया पर जो उसने उसे आगे बढ़ाया है।

काश ये परंपरा चलती रहें पीढियों दर पीढियां ,
मां की छवि का अंश धारण करती रहें बेटियाँ,
यही भारत की माँओं की हैं सच्चाई ,
अपने आंचल में समेटे हजारों गम ,
फिर भी हौसले से बढ़ती रहती हैं हरदम
देती अपने बच्चों को ममता की अमृत छांव
यही अलौकिक गुण मां को है बनाती मां

विनी भटनागर
नई दिल्ली

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