सकारात्मक मानसिकता

सकारात्मक मानसिकता

देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।कितने लोगों की कुर्बानी से हमें स्वतंत्रता मिली है ।आज उन शहीदों को कोटि कोटि नमन।इस स्वाधीनता का दुरुपयोग किसी को नहीं करना चाहिए। आज हमारा देश बहुत तरक्की कर रहा है, प्रत्येक क्षेत्र में ही।एक ओर जहाँ हम चाँद पर पहुंच कर विकास के चरम शिखर पर है वहीं दूसरी ओर आज भी अंधविश्वास के कारण बहुत से हिंसा और अपराध के गहरे अंधेरे खाई में जाते जा रहें है। यह केवल अशिक्षित होने के कारण ही हो रहा है।इसलिए जनसाधारण को शिक्षित करने के लिए सरकार को और प्रयास करना चाहिए।भारत एक मात्र ऐसा देश है जहाँ पर महिलाओं को देवी व माता कह कर या समझ कर सम्मान दिया जाता है लेकिन फिर भी हमारे समाज में महिलाएँ सुरक्षित नहीं हैं।महिलाएं क्या अब तो छोटी छोटी बच्चियाँ भी सुरक्षित नहीं है।आए दिन छोटी बच्चियों के साथ क्रूर व्यवहार से मन व्यथित हो उठता है।
यह कैसी आजादी है? इसके लिए मात्र कानून व्यवस्था और सरकार को जिम्मेदार ठहराना उचित नहीं है बल्कि हम सब को मिलकर प्रयास करने होंगे।बच्चों को नैतिक शिक्षा देनी होगी साथ ही साथ सकारात्मक मानसिकता के लिए प्रेरित करना होगा तथा एक सकारात्मक वातावरण बनाना होगा। यह कार्य केवल एक दो लोगों के करने से नहीं बल्कि सभी भारतीयों को मिलकर करना होगा ,तभी समाज में बदलाव संभव है। सभी भारतीयों को सकारात्मक मानसिकता अपनाना होगा और अपनी ऊर्जा को सकारात्मक कार्यों में खर्च करने से ही देश प्रगति की ओर अग्रसर होगा। सभी जीव अपने लिए ही जीते हैं लेकिन मनुष्य जीवन तभी सार्थक होगा जब वह दूसरों के लिए जीना सीखे। यथासंभव दूसरे की सहायता करनी चाहिए।

पूर्वी घोष
सांस्कृतिक कर्मी,समाजसेविका एवं साहित्यकार

 

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