क्रिसमिस
(बाल कविता )
क्रिसमिस का आया त्योहार
सेंटा लाया कई उपहार
सबने मिलकर पेड़ सजाए
रोशनी सबके मन को भाए
दोस्त मेरे घर पर आए
माँ ने केक-बिस्किट बनाए
बड़े मज़े से हमने खाए
पापा बनकर सेंटा आए
कई सुंदर उपहार लाए
क्रिसमिस का कोरल हम गाएँ
सबके लिए करें दुआए
क्रिसमिस का त्योहार आए
सबके लिए ख़ुशियाँ लाए
ख़ुशी से इसे हम मनाएँ
सर्दी
(बाल कविता )
ख़रगोश भाई ने जुगत लगाई
बचना था उसे ठंड से भाई
माँ को अपनी बात बताई
ला दो माँ ! मुझे रज़ाई
माँ! एक टोपी भी बना दो
बाज़ार से कोट मँगा दो
मौजें ,मफ़लर और स्वेटर
मेरी सर्दी दूर भगा दो
खाने में हलवा बनाना
गर्म-गर्म सूप पिलाना
गर्म पानी से मुझे नहाना
घर से बाहर नहीं है जाना
ऐसी जब जुगत लगाई
तब सर्दी से बच गए भाई
डॉ दलजीत कौर
साहित्यकार
चण्डीगढ़