बारिश!!
शनिचरी को बारिश पसंद नहीं है!
ये बुड़बक बारिश जब -जब आता है।
वह खेत खलिहान घूमने नहीं जा पाती है।
शनिचरी को बारिश पसंद नहीं है!
मे मे करती उसकी सभी..बकरियाँ
घर वापस आ जाती हैं
बस एक झोपड़ी है फूस की
उसमें वह रहेगी या उसकी बकरियाँ
शनिचरी को बारिश पसंद नहीं है!!
अम्मा जो पत्ता और लकड़ी
जंगल से चुनकर लायी है
बारिश मे तो वह भी भीगी है
अम्मा खों खों कर फूंक रही है
ठंडा है चुल्हा और लड़की भीगी है
बाहर बादल बिजली गरज रहा है
झोपड़ी मे धुआं घुमड़ रहा है।
शनिचरी को बारिश पसंद नहीं है!!
बस गिन गुथ कर
दो ही तो उसके घर पर देगची है
एक मे खाली अधहन खदक रहा है
दूजे मे छप्पर से बारिश छर- छर
टपक रहा है
शनिचरी को बारिश पसंद नहीं है!!
कुमुद “अनुन्जया”
भ्रमरपुरिया ,भागलपुर (बिहार)