गृहस्वामिनी कपल

गृहस्वामिनी कपल

अग्नि के फेरे हुए सात
साक्षी मान ध्रुव तारा को
जो मैं और तुम
दो अलग अलग
चेहरे
दिल
शरीर
जान
आत्मा
व्यक्तित्व
आस्तिव
परिवार
दोस्त
वातावरण
फिर भी हम ऐसे एक दूसरे मे ऐसे समाहित हुए
मेरा सब कुछ तेरा हुआ
तेरा सब कुछ मेरा हुआ
तेरा मान सम्मान-स्वभिमान
सुख-दुःख , सफलता, धन, सम्पत्ति
परिवार, जिम्मेदारी हुई मेरी
और मेरी हुई तेरी
जब भी मेरे हृदय मे भावनाओं की
कोई सुनामी चल रही हो
न जाने तुम कैसे समझ जाते हो
पल भर में अपनी प्यारी सी बातो से
छूमंतर कर जाते हो
मेरे तपती मरू सी ज़ीवन में
शीतल बौछार बन कर आए
जैसे पतझड में वसंत की बहार हो
मेरे ज़िन्दा होने का एहसास करा जाते हो
ज़िन्दगी कितनी खूबसूरत हो सकती है
यह समझा जाते हो
लाल हरा नीला पीला रंग
रंग कितने मोहक होते है
खन खन करती हाथों में चुडियाँ
छम छम करती पैरों में पायल
मानों मधुर संगीत हो
श्याम कजरा पलभर में
नयनो को मृगनयनी बनाती
अोंठों पर सूर्ख लाल लाली
पलभर में रूप में चार चांद लगाती
भाल पर लाल बिंदिया रूप को और निखारती
मांग में लाल सिंदूर उसकी सौभाग्य की निशानी
गले में मंगलसुत्र उसके लिए मंगलकामना करती
बडों का सदैव आशीष सदा रहो सौभाग्यवती मे भी
सिर्फ तुम और तुम रहते हो
हम दो होकर भी एक दूसरे से इस तरह से जुड़े हैं
मेरे ख्वाहिशों को,ख्वाबों को
तू ने न सिर्फ समझा
बल्कि सींचित किया प्रेम से
पोषित किया प्रोत्साहन से
पल्वित किया सहयोग से
मेरे जीवनसाथी जीवन-भर
यूं ही साथ निभाना
केवल यह जीवन ही नहीं
जन्म जन्मांतर तक ….

इस बार हमारी गृहस्वामिनी कपल है संजय सिंह और खुशबू सिंह ।संजय सिंह एक इंजीनियर है और खुशबू सिंह एक बिजनेस वूमन और सोशल वर्कर।परिवार, समाज के साथ तालमेल बैठाते हुए ,अपने प्रोफेशनल लाइफ के साथ साथ अपने शौक को भी जुनून के साथ जीते हैं।यह कपल बेहद खूबसूरत और प्यारा होने के साथ साथ समझदार और मददगार भी हैं। गृहस्वामिनी से बातचीत के कुछ अंश आप के समक्ष प्रस्तुत है–

 

आप की शादी कब हुई?
उत्तर- खुशबू- हमारी शादी 27 अप्रैल 2008 को हुई थी ।

आपकी अरेंज्ड मैरेज या लव मैरिज थी?

संजय – हमारी शादी अरेंज मैरिज थी ।शादी से पहले हमने एक दूसरे को देखा भी नहीं था ।

खुशबू- मेरे हस्बैंड दुबई में रहते थे।मेरी शादी मेरे बड़े भाई ने ही कराई थी और बहुत धूमधाम से हमारी शादी हुई थी ।

शादी के बाद कितनी बदली आप लोगों की जिंदगी???

संजय–शादी के बाद पुरुष के जीवन में ऐसे तो कोई भौतिक बदलाव नहीं आते लेकिन मानसिक रूप से आप बदलने लगते है क्योंकि आप को पता है कोई आप के जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है और आप के ऊपर काफी हद तक निर्भर है भावनात्मक रूप से उसे आप की आवश्यकता है।नये नये में बहुत ज्यादा जिम्मेदारी का एहसास होता है लेकिन फिर आप खुद इसके आदी हो जाते है। शादी के इतने सालों के बाद भी खुशबू अभी भी किसी छोटी बच्ची की तरह मुझपर निर्भर करती हैं।हम कही भी एक दूसरे के बिना नहीं जाते।

खुशबू- शादी के बाद थोड़ी परेशानी आई ,मेरे पापा की तबीयत बहुत खराब हो गई थी ।6 महीने बाद वह हम सब को छोड़कर चले गए। यह हम सबके लिए,मेरे परिवार के लिए बहुत दुख की घड़ी थी ।ऐसे में मेरे बड़े भाई ने हमें हिम्मत दी और वह हमेशा हमारे साथ खड़े रहें। मेरे ससुराल वालों ने भी हमें बहुत सपोर्ट किया । उसके कुछ दिनों बाद ही मैं दुबई चली गई और वहाँ रहने लगी,दो साल वहां रहने के बाद मैं इंडिया आ गई ।मेरे हस्बैंड 15 साल दुबई में रहें और मैं शादी के बाद 6 साल दुबई में रही लेकिन अपना देश और अपने लोगों को हमेशा मिस करते थे इसलिए हम दोनों अब इंडिया में ही सेटल हो गए हैं। जमशेदपुर में रहते हैं, मायका भी यही होने के कारण हमें घरवालों से स्नेह और प्यार मिलता रहता हैं।

आप दोनों किस प्रकार एक दूसरे का सहयोग करते हैं?
संजय – हम एक दूसरे के सहयोग के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। हम एक दूसरे के काम में कभी भी दखलंदाजी नहीं करतें। जिसे जो पसंद है वो करनें के लिए फ्री हैं।खुशबू को हमेशा से शौक था कि वह कुछ अपना काम करें, अपनी पहचान बनाएं, आत्मनिर्भर बनें।मैंने इसमें खुशबू का पूरा सहयोग किया जब भी मुझे लगा कि इसे मेरी जरूरत है। इसने अपने शौक को ही अपना प्रोफेशन चुना।हालांकि बुटीक में मैं कुछ खास मदद इसकी नहीं कर सकता क्योंकि मुझे उसका नोलेज नहीं है।

खुशबू- हम चाहे जितने भी स्वतंत्र विचार के हो जाएं लेकिन मैं एक बेहद साधारण भारतीय गृहिणी की तरह
संजय का पूरा ख्याल रखने और हर बात की जानकारी साझा कर और महत्वपूर्ण फैसले संजय से डिस्कर्स करके ही करती हूँ।वैसे मेरे बड़े भाई और भाभी भी मेरा बहुत सपोर्ट करते हैं।

जीवन में उतार चढ़ाव आते ही रहते है।ऐसे समस्याओं का कैसे सामना करते हैं?

उत्तर–संजय–जीवन में उतार-चढ़ाव तो आते ही रहते हैं लेकिन हम हर मुश्किल का सामना करते हैं धैर्यपूर्वक करने की कोशिश करते हैं।

खुशबू–शादी के बाद मेरे जीवन में कोई खास समस्याएं नहीं आई…मेरे बडे भाई और परिवार हमेशा ही मेरी खुशियों, ख्वाहिशों को लेकर ध्यान रखते हैं और हमेशा मेरी मदद करते हैं।मेरी हिम्मत और धैर्य बनाएं रखने में बहुत मदद की।इस तरह आगे भी ईश्वर की कृपया से हमारे साथ और सहयोग से हर समस्या छोटी होती जाएंगी।

आप लोगों की हॉबी क्या है?

खुशबू- मुझे म्यूजिक सुनना पसंद है मुझे संगीत से बहुत ज्यादा लगाव है ।संजय को भी म्यूजिक से लगाव है लेकिन उन्हें टीवी देखना भी बहुत पसंद है और मुझे नहीं ।हम अपनी फिटनेस पर बहुत ध्यान देते हैं और यह हमारी हॉबी भी है।फिट रहने के गुर हम प्रेमलता अग्रवाल जी से सीखते हैं।वह हमें योगा और ट्रेकिंग की भी ट्रेनिंग देतीं हैं।हम अक्सर मैराथन में भाग लेते रहते हैं कई बार हम जीत भी चुके हैं।प्रेमलता मैम से इंसपायर होकर हम दोनों भी बीआन्ड फिटनेस टीम के साथ स्वछता अभियान से जुड गए हैं।

संजय – हम दोनों को सोशल वर्क में काफी इंसेस्ट।स्वर्णरेखा नदी को साफ करनें के लिए समय समय पर जाते रहतें हैं। फिटनेस हम दोनों की ही हॉबी हैं इसलिए प्रेमलता मैम से जुड़े हुए हैं ।हम उनसे बहुत अधिक प्रभावित होते हैं। हमें ट्रेकिंग भी बहुत पसंद है। इंडिया आने के बाद हम प्रेमलता मैम की बीआन्ड फिटनेस को ज्वाइन किया।

आप लोगों का साथ में गुजारा सबसे खूबसूरत और यादगार लम्हा जिसे आप कभी भूल नहीं सकते हैं वह कौन सा है??

संजय- टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन के सहयोग से एवरेस्ट बेस कैंप की 17600 फीट की चढ़ाई पूरी की थी हमनें। 19 अप्रैल से 4 मई तक आयोजित इस एक्सपीडिशन का नेतृत्व टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन की प्रेमलता अग्रवाल मैम ने ही किया था । इस 16 दिवसीय कठिन एक्सपीडिशन में हम लोग रोजाना औसतन 6 घंटे ट्रेकिंग किया करते थे ।इस एक्सपीडिशन के दौरान पोटर के साथ-साथ हम खुद ही अपने सामान को ऊंचाई तक लेकर चढ़े। यह एक यादगार लम्हा था हम दोनों के लिए बहुत ही अविश्वसनीय ,अद्भुत और रोमांचक।

खुशबू- सचमुच अविस्मरणीय और अद्भुत था वह यात्रा।हालांकि यह कोई आरामदायक और आसान यात्रा नहीं था फिर भी उस यात्रा के अनुभव को शब्दों में बता पाना मुश्किल है। दूर-दूर तक पसरी बर्फ की सफेद चादर, आसमान ,धरती ,चांद -तारे वहां हर चीज बेहद खूबसूरत नजर आते थे। हर चीज को निहारते और निहारते रहने का मन करता था । इतनी खूबसूरत और शांति मैंने इस धरती के किसी अन्य हिस्से में अनुभव नहीं किया, मानो कोई स्वर्ग है । मैं खुद को भाग्यशाली मानती हूँ और प्रेमलता मैम को बहुत धन्यवाद देना चाहूंगी कि उन्होंने हमें इस यात्रा के लिए चुना।

बेस्ट कपल की इतनी प्यारी और सफल शादी-शुदा जिंदगी का राज क्या है?

संजय- हमारी सफल शादीशुदा जिंदगी का राज हर मुश्किल में एक दूसरे का साथ देना।एक साथ अच्छे समय को एंजॉय करना ।

खुशबू- हमेशा खुद को और एक दूसरे को खुश रखने की कोशिश करना ।एक दूसरे की छोटी मोटी भूल को नजरअंदाज करना और जिंदगी में आगे बढ़ना ।

अर्पणा संत सिंह

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