होली में
जाहिर हम जज़्बात करेंगे होली में
तुमसे खुल कर बात करेंगे होली में ।।
तुम उसको आंखों आंखों में पढ लेना
हम जो इजहारात करेंगे होली में ।।
खोल के दिल के दरवाजों को तुम रखना
पेश तुम्हे सौगात करेंगे होली में ।।
खुशबू से भर देंगे तेरे दामन को
फूलों की बरसात करेंगे होली में ।।
झूमेंगे सब लोग यहाँ पर मस्ती में
पैदा वो हालात करेंगे होली में ।।
हर दिल से गम के बादल छँट जायेंगे
खुशियों की बरसात करेंगे होली में ।।
लोग भूला देंगे अब अपने गम सारे
पैदा वो असरात करेंगे होली में ।।
आरती आलोक वर्मा
साहित्यकार
सिवान, बिहार