शिक्षा बनाम साक्षरता
‘शिक्षा ‘का संबंध ज्ञान से है और इसका क्षेत्र व्यापक है ।शिक्षा से तात्पर्य जीवन के लिए ज़रूरी सभी प्रकार के ज्ञान- अक्षर ज्ञान, व्यवहारिक, सामाजिक, नैतिक ,सांस्कारिक,चारित्रिक ज्ञान आदि से है। परंतु वर्तमान में शिक्षा केवल अक्षर ज्ञान तक सीमित हो गया है ।शिक्षा का अर्थ साक्षरता समझा जाने लगा है ।अक्षर ज्ञान पा लिया, अच्छी नौकरी-पद पा लिया, पढ़-लिख कर बड़ा व्यवसाय खड़ा कर लिया तो शिक्षित मान लिए जाते हैं।अब आर्थिक रूप से सफल होने को ही शिक्षा की सफ़लता मान लिया गया है ।जबकि शिक्षित का सही अर्थ एक सफल ,सुसंस्कारी,सज्जन इंसान है। शिक्षा का गिरता स्तर और समाज में नैतिकता का अभाव इसी शिक्षा बनाम अक्षर ज्ञान की देन है ।अतः हम सब मिलकर कोशिश करें जिससे शिक्षा का बदलता-सिमटता यह रूप फिर से व्यापक हो सके और लोग केवल साक्षर न होकर सही अर्थों में शिक्षित हों तथा एक स्वस्थ व सुन्दर समाज का निर्माण करें ,जहाँ सफ़लता के साथ जीवनमूल्य तथा नैतिकता भी स्थापित हो ।
पुष्पांजलि मिश्रा
शिक्षिका
डी.बी.एम.एस. इंग्लिश स्कूल
जमशेदपुर