मैं नारी हूँ
मैं नारी हूँ, हाँ मैं नारी हूँ
ईश्वर की आभारी हूँ ।
स्वेच्छा से मैं कभी भी
कहीं भी आ जा सकती हूँ
पर ससुराल प्राथमिकता है मेरी
अत: कभी कभी जरूरत के वक्त
मैं मैके को भी हारी हूँ ….
हाँ मैं नारी हूँ ।
छोटे से रसोई घर की
मैं ही महारानी हूँ
सबके मन की सबको खिलाऊं
मैं अन्नपूर्णा रानी हूँ ।
पर बचे भोजन व्यर्थ ना जाएं
मैं बासी भोजन पे भी वारी हूँ
हाँ मैं नारी हूँ ।
रुपए पैसे धन संपत्ति
मेरी देख रेख में रहते हैं
छोटे बड़े सबों के शौक
मुझसे पूरे होते हैं
पर आदतवश व बचत के चलते
स्वयं की जरूरत समझती भारी हूँ
हाँ मैं नारी हूँ ।
पल पल पग पग समझौता
किसी दबाव मे नही करती हूँ
सबकी खुशियों से ही अपनी
खुशियों को चुन लेती हूँ ।
कर्म को प्रधान मानती हूँ
नहीं तकदीर से हारी हूँ ।
जी हाँ मैं नारी हूँ ।
ईश्वर की आभारी हूँ।
सुस्मिता मिश्रा
जमशेदपुर