माँ

मां

मां तो मां होती है,
जननी जीवन देने वाली,
बच्चों को वो सेने वाली।
कठिन विकट पथपर भी,
बच्चों के हित चलने वाली।
मां तो मां होती है,
मां तो बस मां होती है।
बिना स्वार्थ सब कुछ करती,
नयन नेह से दुख वो हरती।
सबसे सुन्दर छवि है उसकी,
खुशियों से दामन है भरती।
मां तो मां होती है,
मां तो बस मां होती है।
मां ही तो जीवन महकाती,
कांटे चुनकर फूल खिलाती।
सदा विजय पथ की कामना,
सपने सुंदर नयनों में सजाती।
मां तो मां होती है,
मां तो बस मां होती है।

डॉ सरला सिंह स्निग्धा
दिल्ली

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