मां
ममता,प्रेम, समर्पण,स्नेहिल संबंधों का आधार हो मां
माया,ममता,खुशियां और शीतल छांव तुम हो मां
तुम हो मां तो सारी खुशियां सारी मिल जाती है
मां की छाया में आकर शीतल छांव मिल जाती है
तेरी आलिंगन में आकर मां दर्द सारा मिट जाता है
मैं से हम होकर ये दिल सचमुच खिल जाता है
तेरी साए में ही रहता हूं तेरे साथ ही हर पल चलता हूं
हर दिशा में जाकर देखा तेरी बिन मैं अधुरा हूं मां
बहुत कुछ पाया,सब पाकर भी कुछ न पाया मां
नतमस्तक होकर तेरे दिल में हूं आज भी मैं मां
जिम्मेदारियों में उलझ कर भी करूणा आधार बन
आत्मविश्वास मुझ में भरकर तुम फूलों सा मुस्काती हो
दूरदर्शिता से कर्तव्यनिष्ठा,सहानुभूति का पाठ पढ़ाती हो
छू लूं आसमान उन्नति से मैं,सही राह दिखाती हो तुम मां
कोख में तेरे मैं जब आई सारी दुनिया जैसे पा गई मां
तुने मुझको जन्म देकर नया जन्म तुने भी पाया था तब मां
मेरे जन्मदिन पर आज तेरा दुसरा जन्म भी तो है मां
त्याग,करूणा से भरी प्रकृति का अनमोल उपहार तुम हो मां
ममता,प्रेम, समर्पण,स्नेहिल संबंधों का आधार हो मां
माया,ममता,खुशियां और शीतल छांव तुम हो मां
निक्की शर्मा रश्मि
मुम्बई