इसके बाद
महामारी
बची आँखों को दे जायेगी
भविष्य में देखने वाली
तीसरी आँख
कटेंगी
हाथ की हथेली में
समान्तर चलने वाली
दो जीवन रेखाएँ
अनिवार्य होगा
भूख के
अर्थशास्त्र में
श्वाँसो का निवेश
नये
इतिहास में सर्वाधिक
गतिशील होंगी
वर्तमान के कारावास
में बंदी तारीखें
काट कपट
के बीज से उगे
उन्मादी विषैले फल
चखे जा चुके हैं
बिगुल
बज चुका हैं
दीवाने आम
दीवाने खास में
नग्न क्रांति
तैयार है नृत्य के लिए !!!
त्रिलोचना कौर
वरिष्ठ साहित्यकार
लखनऊ, उत्तर प्रदेश