“आपदा आन पड़ी “

“आपदा आन पड़ी “

विकट आपदा आन पड़ी ,सकल विश्व घबराया है
काल का भेष रख कर के , कोरोना वायरस आया है

वुहान की पैदा इश ये, विश्व के लिए बड़ा खतरा है
छूने से होते संक्रमित ,बीमार भयंकर करता है
भीड़ से दूरी बना कर, बचानी अपनी काया है
काल का भेष रख कर के , कोरोना वायरस आया है

मास्क मुँह पर लगा रहे , हाथों को मलकर धोना है
घर आये आगंतुक को, फिर सेनेटाइज करना है
और नहीं कोई निदान ,हल यही निकल कर आया है
काल का भेष रख कर के , कोरोना वायरस आया है

उड़ी देश की रंगत है , चेहरे भौंचक दिख रहे हैं
अभी तो इतना शोर था , अब ये सारे कहाँ गये हैं
वक्त अभी कठिन बड़ा है ,जनजीवन बहुत मुर्झाया है
काल का भेष रख कर के , कोरोना वायरस आया है

मोदी जी ने की अपील, घर के अंदर ही रहना है
इक्कीस दिन भाइयों हमें ,संघर्ष मिलकर करना है
लाॅक डाऊन शहर शहर , हमने सुनिश्चित कराया है
काल का भेष रख कर के , कोरोना वायरस आया है

प्राजंलि अवस्थी
साहित्यकार
दिल्ली

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