मेरी माँँ

मेरी माँँ

माँ की ममता की छाँव है
माँ की आवाज दिल का सुरुर है
माँ की मौजूदगी दिल का सुकून है
माँ की मुस्कुराहट फूलों की खुश्बू है
माँ का दुख दिल का लहू है
माँ की ममता प्यार का साया है
माँ के पैरों के नीचे सारा जहाँ है
माँ का साया सघन छाया है
मिलती उनसे हमें शीतलता है
जीवन की तपिश को ठण्ढक देती
कठिन चुनौतियों में ढाल बन जाती
करती हमारी कठिन राहों को सुगम
करती हमारे जीवन को उज्जवल
माँ की हँसी से ही
हम बच्चों का हास विलास है
माँ हमारे लिये चारों धाम है
माँ गीता का श्लोक है
तुलसी की चौबारा है
माँ धरती आकाश है
सृष्टि का आधार है
उनसे ही हमारे जीवन में बहती रसधार है
उनके चरणों में बसा स्वर्ग है
इसलिये कर लो माता-पिता की सेवा
और अपनी झोली भर लो पुण्य की मेवा।

अनिता निधि
जमशेदपुर,झारखंड

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