मानवता की सेवा में सन्नद्ध–कर्मवीरों के नाम
है नमन तुम्हे मानवता हित जीवन अर्पित करने वालों
सेवा से संकट मोचक बन हमको गर्वित करने वालों
हर जंग जहां जीती हमने दुश्मन को धूल चटाई है
संक्रामकता -निशिचर के दमन की कसम उठाई है
है नमन तुम्हे खतरों से भी आंधी बन टकराने वालों
है नमन तुम्हे मानवता हित जीवन अर्पित करने वालों
स्वच्छता रहे,एकता रहे, यह भाव नहीं मिटने देना
हम रहें सुरक्षित देश रहे संकल्प नहीं डिगने देना
हारेगी संक्रामकता जब ,हारेगा विषधर कोरोना
है नमन तुम्हे मानव-योद्धा सबको प्रेरित करने वालो
है नमन तुम्हे मानवता-हित जीवन अर्पित करने वालों
है कर्म यही और धर्म यही संयम जीवन में साथ रहें
एकाकीपन से डरो नहीं ,बस जीवन का सम्मान रहें
है नमन तुम्हे संकल्प शक्ति से जीवन सफल देने वालों
है नमन तुम्हे मानवता-हित जीवन अर्पित करने वालों
पद्मा मिश्रा
वरिष्ठ साहित्यकार
जमशेदपुर, झारखंड