माँ

माँ

संस्कारों के
दिव्य
अलंकरण की
शक्ति है माँ ।
स्नेह भरे
संबल का
सुखद
स्पंदन है माँ ।
जीवन की
ऊबड़-खाबड़
पगडंडियों पर
धैर्य से
आगे बढ़ने की
शिक्षा है माँ ।
जिन्दगी की
कटु अनुभूतियों की
मधुर
अभिव्यक्ति है माँ ।
तुझ में है हम
हममें हो तुम
हमारे संपूर्ण व्यक्तित्व
की पहचान हो तुम माँ ……।

डॉ उमा सिंह किसलय

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