तिरंगा हमारा

 

तिरंगा हमारा

शान से लहराता रहे तिरंगा हमारा
मुस्कुराता रहे यह
संदा हिंदुस्तान हमारा
संत्य चंमत्कार अद्भुत अलंकार,हमारा
भारत की गर्भ में पलते वीर सपूत हमारा
शान से लहराता रहे तिरंगा हमारा

एकता की दीवारों में जगमगाता एक दीप हमारा
भारत माता की जय, स्वरों से गूंजती धड़कनों की शाज हमारा
आजादी के चौखट पर भारत माता की आँचल लहराता
शान से लहराता रहे तिरंगा हमारा

वस्त्र वेषभूषा के अलगाव से क्या होता? दिलों के मंदिरों का एक ही तो खिताब हमारा
मर मिटने को तैयार हम कलमकार सभीं
ऐसा भारत देश हमारा
कारवां बनाता विश्व पटल पर दिलों में उम्मीद जगाता किसानों के,फसलों का किताब ,सरे जहां से अच्छा यह भारत देश हमारा

लिपट तिरंगे के रंगों में घुलता त्याग बलिदान सूरगाथा,वीरगाथा हमारा
शान से लहराता रहे तिरंगा हमारा

बदल रही देश की रूंपरेखा तकनीकों की पद्धति हमारी विकसित ,साहित्यिक, आर्थिक क्षेत्र हमारा
जज्बातों में उभरते देश के लिए सम्मान हमारा
झुके ना कभी तिरंगे की रगों की शान हमारा
शान से लहराता रहे तिरंगा हमारा

विकसित देश संस्कार सपने हमारे हर संभव राहों से गुजरे वतन हमारा ,होती जब मुल्क पर संकटों के उफान
सामनेआता एकता
बल से सेना हमारा
सरहदों पर मिटने को तैयार सैंनिक से गुंफ्तगू करते ये लंहू हमारा
लहराता रहे शान से तिरंगा हमारा

इस आजादी पर कफ़नो की
ओढ़नी ,बिछाकर आतंकियों को तोड़ता एकता वल हमारा
हिंदुस्तान सरंजमी की सुरक्षा के लिए कुर्बान वीर सपूत हमारा
वर्दी की लाज आंखों में बसाता एक हिंदुस्तान हमारा
शान से लहराता रहे तिरंगा हमारा

सत्य है बल के सूत्रधार देशवासी
आजादी के लिए हम
सर भी कटा लेंगे
कमर कसनी है कुछ
करके दिखा देंगे
चरखे से जंमी को हम और बुलंदियों से सुंराग आसमान में बना देंगे

इस आजादी को पिंजरे में बांध ना सके कोई
ऐसी मिट्टी की लकीर बिछा देंगे यह जज्बा यह कंत्वयों का हौंसला हमारा
तिरंगा वतन का झुके ना कभी जलता रहे प्रकाशमय चिंराग हमारा
लहराता रहे शान से तिरंगा हमारा लहराता रहे शान तिरंगा हमारा

अंकिता सिन्हा
जमेशदपुर ,झारखंड

 

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