
एक स्त्री की तीन आवाजें !
एक स्त्री की तीन आवाजें ! दोपहर की चाय जब तक उबलती, तब तक…
एक स्त्री की तीन आवाजें ! दोपहर की चाय जब तक उबलती, तब तक सीमा खिड़की के पास रखी कुर्सी पर बैठ जाती। सामने स्कूल से लौटते बच्चे, दूध वाला, दोपहर की सुस्ती में पसरे कुत्ते और बगल की अरोड़ा आंटी की आवाज़ें – सब रोज़ की तरह चल रहा होता, पर सीमा की…
एक खामोश घर की आवाज़ घर को खड़ा करने के लिए जितनी ज़रूरत ईंट-पत्थर की होती है, उतनी ही ज़रूरत होती है चुप्पियों की। चुप्पियाँ अक्सर वह आवाज़ होती हैं, जो किसी भी तूफ़ान से अधिक गूंजती हैं। सावित्री ऐसी ही एक चुप्पी थी , गहराई से भरी, स्थिर और सहनशील। “चुप्पी एक…
गुलाबी आँखें… अच्छा तो आप सोच रहे हैं कि मैं कोई ऐसी प्रेम कहानी कहने जा रही हूँ जिसमें एक लड़का और लड़की होंगे और लड़की के गुलाबी आँखों में लड़का… अरे नहीं, नहीं। चलिए मैं आपको मैं गुलाबी आखों वाली के पास ही लिए चलती हूँ। लेकिन उससे पहले मैं अपना परिचय तो दूँ…
एकल परिवार नीलेश बहुत अच्छी कंपनी में मैनेजर था। वह अपनी सहकर्मी रीटा को पसंद करता था। माता-पिता भी दोनों की शादी के लिए तैयार हो गए… और रजिस्ट्रर्ड शादी करवाकर 150-200 लोगों को पार्टी दे दी। क्योंकि माता-पिता दोनों ही अपने नौकरी एवं कार्यक्षेत्र में व्यस्त होने की वजह से शादी की व्यवस्थाओं…
अप्प दीपो भव “दीदी मोबाइल में खुशबू कार्ड भेजी है जरूर आइएगा।” चाय का कप मुझे थमा कर और अपनी चाय लेकर मचिया पर बैठते हुए अनीता ने पहले बात यही कही। मैंने झट मोबाइल खोला और व्हाट्सएप पर ‘खुशबू बुटीक’ पढ़ते ही समझ गई कि खुशबू ने एक बुटीक खोला है। “चलो…
उठो पार्थ, अब साधो बाण निवी चाय को उफनते देख रही थी। कभी गैस की आँच को कम कर देती तो अगले ही पल एक और उफ़ान देने के लिए गैस की आँच को तेज़ कर देती। उसके चेहरे का तनाव बता रहा था कि किसी गहरे सोच में डूबी हुई है। तभी बेटी…
पथ पे विश्वास चला करता है स्वतंत्र भारत के इतिहास में ये पहला ऐतिहासिक फैसला आया है, जिसने मानव जीवन की अब तक की समस्त मान्यताओं को पुनः परिभाषित कर दिया। एक ऐसा निर्णय जिसके कारण असंख्य ज़िंदगियों की अपनी पहचान स्थापित हो सकेगी। जी हाँ भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने अपना फैसला सुनाते…
रिश्तों की रेखा “मेम साहिब,आप के जाने के बाद जाने कौन आयेगा इस बंगले में?” बिजया ने काँच के गिलासों को अख़बार में लपेटते हुए कहा था। बिजया की बात सुन कर याद आया बस एक हफ़्ता ही तो रह गया है हमारा असम में। आलोक का तबादला दिल्ली हो गया था। “बिजया मौसी,…